गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि गरीबी, अशिक्षा जैसी अनगिनत चुनौतियों के बाद भी 'स्पिरिट ऑफ़ इंडिया' यानी 'भारत का उत्साह' कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 'हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं क्योंकि इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है, उन्होंने केवल हमें जोड़ा है। यही भारत का सार है। वह सार संविधान के केंद्र में था, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है।'
लोकतंत्र सफल क्योंकि इतने पंथों, भाषाओं ने बांटा नहीं, हमें जोड़ा: राष्ट्रपति
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- 25 Jan, 2023
74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी ने मुर्मू बुधवार शाम 7 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। जानिए उन्होंने देश के बारे में क्या कहा और क्या किए जाने की ज़रूरत बताई।

राष्ट्रपति ने आगे कहा, 'बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य लोगों ने हमें एक नक्शा और एक नैतिक ढांचा दिया, लेकिन उस रास्ते पर चलने का काम हमारी ज़िम्मेदारी है। हम काफी हद तक उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं, और फिर भी हम महसूस करते हैं कि गांधीजी के 'सर्वोदय' के आदर्श, सभी के उत्थान के लिए बहुत कुछ किया जाना अभी भी बाक़ी है।"