अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े संघर्ष के दौरान "पांच जेट विमान" गिराए गए थे। ट्रंप ने यह बयान शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक निजी रात्रिभोज के दौरान दिया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के।
ट्रंप ने कहा, "हमने कई युद्ध रोके। भारत और पाकिस्तान के बीच भी गंभीर स्थिति थी। वहां विमान हवा में मार गिराए जा रहे थे। मुझे लगता है कि पांच, चार या पांच, लेकिन शायद पांच जेट विमान गिराए गए थे। ये दोनों गंभीर परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं।" उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने व्यापार का हवाला देकर इस संघर्ष को शांत किया। ट्रंप ने कहा, "हमने कहा कि अगर आप हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, शायद परमाणु हथियार भी, तो हम कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेंगे।"

पहलगाम हमले ने बढ़ाया था तनाव 

यह संघर्ष अप्रैल में जम्मू-कशमीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था, जिसके बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारत की रक्षा प्रणाली ने इन्हें नाकाम कर दिया।
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पाकिस्तान का दावा, भारत का खंडन 

पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने हवाई युद्ध में पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जबकि भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने मई के अंत में कहा कि पहले दिन हवाई नुकसान के बाद भारत ने अपनी रणनीति बदली और बढ़त हासिल की। भारत ने यह भी दावा किया कि उसने पाकिस्तान के "कुछ विमानों" को मार गिराया। हालांकि, इस्लामाबाद ने अपने किसी भी विमान के नुकसान से इनकार किया, लेकिन स्वीकार किया कि उसके हवाई अड्डों पर हमले हुए।

ट्रंप के बार-बार दावे पर भारत की असहमति 

ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप और व्यापारिक समझौतों को रद्द करने की धमकी के कारण 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि इस युद्धविराम में अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी। भारत का रुख रहा है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद को अपनी समस्याओं का समाधान सीधे तौर पर और बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के करना चाहिए।

पाकिस्तान ने की ट्रंप की तारीफ 

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने ट्रंप की मध्यस्थता की सराहना की है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने युद्धविराम के लिए ट्रंप के साथ-साथ चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, कतर और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं का भी आभार व्यक्त किया। पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख आसिफ मुनीर अमेरिका की यात्रा पर गए। वहां ट्रंप ने उनको लंच पर बुलाया। मुनीर ने ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित कर दिया। अब ट्रंप पाकिस्तान की यात्रा करने वाले हैं।

भारत-अमेरिका संबंधों का महत्व 

भारत, अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए। वहीं, पाकिस्तान भी अमेरिका का सहयोगी है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी प्रतिद्वंद्विता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचा दिया है।