दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस पार्टी की 'वोट चोर, गद्दी छोड़' महारैली में कांग्रेस ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर बड़ा हमला किया। रैली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीधे तौर पर तीनों चुनाव आयुक्तों का नाम लेकर हमला बोला और कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। प्रियंका ने कहा कि तीनों आयुक्तों को बीजेपी बचा नहीं पाएगी।

प्रियंका ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया का हर कदम शक पैदा करता है और मुख्य चुनाव आयुक्त व दोनों चुनाव आयुक्तों को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने लोगों के वोटिंग अधिकार छीनने की 'साजिश' कैसे रची। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी का नाम लिया और कहा, "बीजेपी उन्हें बचा नहीं पाएगी, क्योंकि एक दिन उन्हें, लोगों के वोट छीनने की 'साजिश' के लिए जवाब देना होगा।"

प्रियंका की बीजेपी को चुनौती

प्रियंका गांधी ने आगे कहा, 'मैं बीजेपी को बैलेट पेपर पर चुनाव लड़ने का चैलेंज देती हूं, उन्हें पता है कि वे कभी नहीं जीतेंगे।' यह आरोप लगाते हुए कि चुनाव ठीक से नहीं हो रहे हैं, प्रियंका गांधी ने कहा कि जब हम देखते हैं कि हर संस्था को कुचला जा रहा है, तो सभी भारतीयों को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान दिए जा रहे 10 हज़ार रुपये पर आंखें मूंद रहा है; क्या यह चुनाव वोट चोरी नहीं है? देश की सभी संस्थाओं को सरकार के आगे झुकाया जा रहा है।'

रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, "मैं उन्हें संसद में देखती हूं, उनका आत्मविश्वास खत्म हो गया है। वे आंख मिलाकर बात नहीं कर पाते। क्योंकि जनता का विश्वास खो चुके हैं। उन्हें चुनाव आयोग की जरूरत है, बिना इसके वे चुनाव नहीं जीत सकते। आपको तीनों चुनाव आयुक्तों के नाम याद रखने चाहिए। वे सभी लोकतंत्र की हत्या में शामिल हैं। पहली बार सभी विपक्षी दल एक साथ कह रहे हैं कि उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है।"
प्रियंका ने आगे कहा, "देश इन तीन नामों को नहीं भूलेगा। चाहे कितने भी इंतजाम कर लें, उन्हें जनता के सामने जवाब देना पड़ेगा कि उन्होंने कैसे साजिश रची। यह सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। आज डॉलर 90 रुपये को छू रहा है। विदेश नीति फेल हो गई है। जरूरत के समय कोई भारत के साथ नहीं खड़ा होता। वे देश के सारे संसाधन सौंप रहे हैं।'

राहुल का हमला

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि संघ-भाजपा वाले सत्ता में रहने तक ही बहादुर हैं। राहुल ने कहा, "संसद में उनके हाथ कांप रहे थे और अमित शाह जी ने चुनाव आयोग की तरफ से सफाई दी। मैंने उन्हें चुनौती दी कि आइए बहस करें और देश को दिखाएं कौन सत्य बोल रहा है। यह सत्य का देश है। आज आप सत्ता में हैं, इसका कोई मतलब नहीं... मैं बताता हूं क्यों उनके हाथ कांप रहे थे। वे सत्ता में रहते तक ही बहादुर हैं। उन्हें पता है कि उनकी वोट चोरी एक्सपोज हो गई है।'

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'समय लग सकता है, लेकिन भारत में अंत में सत्य की ही जीत होगी। अमित शाह जी और नरेंद्र मोदी जी भाषण दे सकते हैं। लेकिन हम सत्य और अहिंसा से आपको हटा देंगे।' मैदान में 'वोट चोर, गद्दी छोड़' के नारे गूंजते रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी रैली को संबोधित किया और कहा कि संस्थाओं को खोखला किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'जब संसद चलती है तो नरेंद्र मोदी विदेश निकल जाते हैं। वो सदन में बैठकर हमारे सवालों के जवाब नहीं देते हैं। राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी ने सवाल पूछे, लेकिन एक भी सवाल का जवाब नहीं मिला।'  
पार्टी ने दावा किया कि 'वोट चोरी' के खिलाफ देशभर से करीब 55 लाख हस्ताक्षर जुटाए गए हैं, जिन्हें जल्द राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। रैली में सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सचिन पायलट समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

यह महारैली कांग्रेस के आक्रामक अभियान का हिस्सा है, जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार समेत कई राज्यों में एसआईआर के दौरान लाखों नाम हटाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है। रैली ने लोकतंत्र और चुनावी सुधारों पर बहस को और तेज कर दिया है, जबकि 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं।