loader

अडानी-अंबानी मुद्दे पर राहुल का हमला, 'नमस्कार मोदी जी, घबरा गए क्या!'

अडानी-अंबानी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी के आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री घबरा गये हैं। राहुल की यह कड़ी प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर आई है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही कांग्रेस नेता ने अडानी-अंबानी को गाली देना बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं तेलंगाना की जनता से पूछना चाहता हूं, शहजादा बताएं- अंबानी-अडानी से कितना लिया? कितना काला धन ले जाया गया? क्या कैश से भरे टेंपो कांग्रेस तक पहुंच गए हैं? वह कौन सा सौदा हुआ है? आपने रातों-रात अंबानी-अडानी को गाली देना क्यों बंद कर दिया?'

प्रधानमंत्री मोदी के इस आरोप कि 'अंबानी-अडानी से कितना लिया और क्या कैश से भरे टेंपो कांग्रेस तक पहुंच गए हैं', राहुल ने कहा कि भाजपा के भ्रष्टाचार के टेम्पो का ‘ड्राइवर’ और ‘खलासी’ कौन है, देश जानता है।

राहुल गांधी ने जो वीडियो बयान जारी किया है उसमें उन्होंने सीधे पीएम को संबोधित करते हुए कहा है, 'नमस्कार मोदी जी, थोड़ा-सा घबरा गए क्या! नॉर्मली, आप बंद कमरों में अडानी जी, अंबानी जी की बात करते हो, लेकिन पहली बार पब्लिक में अडानी-अंबानी बोला।' उन्होंने आगे कहा, 'आपको ये भी मालूम है कि टेंपो में पैसा देते हैं। क्या यह आपका पर्सनल एक्सपीरिएंस है? एक काम कीजिए। सीबीआई-ईडी को इनके पास भेजिए न। पूरी जानकारी लीजिए, इन्क्वायरी कराइए। जल्दी से जल्दी कराइए। घबराइए मत मोदी जी।'

राहुल ने आगे कहा, ' मैं फिर से दोहराकर कह रहा हूँ। जितना पैसा नरेंद्र मोदी जी ने इनको दिया है न, उतना ही पैसा हम हिंदुस्तान के ग़रीब लोगों को देने जा रहे हैं। महालक्ष्मी योजना, पहली नौकरी पक्की योजना, इन योजनाओं के माध्यम से। करोड़ों लाखपति बनाएँगे हम। इन्होंने 22 अरबपति बनाए हैं, हम करोड़ों लाखपति बनाएँगे।'

ताज़ा ख़बरें
पीएम मोदी ने ये आरोप तब लगाए हैं जब राहुल ने उन नीतियों को लेकर लगातार केंद्र और प्रधानमंत्री पर हमला किया है। उन्होंने एक दिन पहले भी अडानी को लेकर हमला किया था। मंगलवार को झारखंड में एक चुनावी रैली में राहुल ने आदिवासियों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की ज़रूरत बताई और कहा, 'भाजपा कहती है कि आप वनवासी हैं और वे सारी वन भूमि अडानी को दे देते हैं।'

राहुल ने मंगलवार को कहा था, 'वह जो कुछ भी करते हैं वह अरबपतियों के लिए करते हैं। उनके अडानी और अंबानी जैसे 22-25 दोस्त हैं और जो भी काम कर रहे हैं वह उन्हीं के लिए है। जमीन उनके लिए है, जंगल उनके लिए है, मीडिया उनका है, बुनियादी ढांचा उनका है, फ्लाईओवर उनका है, पेट्रोल उनका है। सब कुछ उनके लिए है। दलितों, आदिवासियों, पिछड़े समुदायों के लोगों को सार्वजनिक क्षेत्र में आरक्षण मिलता था, अब वे हर चीज का निजीकरण कर रहे हैं। वे खुलेआम कह रहे हैं कि रेलवे का भी निजीकरण किया जाएगा, यह आपका संपत्ति का क्षेत्र है- रेलवे, सड़क, फ्लाईओवर, ये आपके हैं और अडानी का नहीं है। वह उन्हें सब कुछ दे देते हैं।'

उन्होंने कहा, 'मीडिया के लोग यहां हैं, क्या वे कभी आदिवासियों के बारे में बात करते हैं। कभी नहीं। वे अंबानी की शादी को 24 घंटे दिखाएंगे।' 

देश से और ख़बरें

प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने अडानी-अंबानी को लेकर हमला नये सिरे से तेज कर दिया है। पवन खेड़ा ने एक बयान जारी कर कहा है, 'तीन चरणों के चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी इतने बौखला गए कि अडानी-अंबानी के खिलाफ बोलने लगे। पीएम मोदी ने कहा- राहुल गांधी जी अडानी-अंबानी का नाम नहीं लेते। सच्चाई ये है- 3 अप्रैल से अब तक राहुल गांधी जी 103 बार अडानी और 30 बार अंबानी का नाम ले चुके हैं।'

जयराम रमेश ने कहा, "ज़मीनी स्थिति इतनी गड़बड़ाई हुई है कि 'हम दो हमारे दो' के 'पप्पा' अपनी ख़ुद की संतानों का बलिदान कर रहे हैं। जिस व्यक्ति ने अपनी पार्टी के लिए 8,200 करोड़ रुपए का चंदा इकट्ठा किया - इतना भयंकर घोटाला किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे असंवैधानिक घोषित किया - वो आज दूसरों पर आरोप लगा रहा है। याद रखें कि अपने 'चार रास्ते' द्वारा प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के निजी स्वार्थ और सत्ता-लोभ के लिए 4 लाख करोड़ रुपए का ठेका और लाइसेंस दिया था। अगर आज भारत में ऐसी स्थिति है कि 21 अरबपतियों के पास इतना धन है जितना कि 70 करोड़ भारतीयों के पास है तो यह प्रधानमंत्री के नियत और नीति का ही परिणाम है। जाहिर सी बात है कि इस 21 में 'हमारे दो' की बहुत ही अहम भूमिका है।"

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें