loader

कोरोना: राहुल के निशाने पर ट्रंप, कहा- दोस्ती में बदले की जगह नहीं

अमेरिका को दवा की आपूर्ति नहीं किए जाने की स्थिति में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बदले की कार्रवाई की धमकी के बाद राहुल गाँधी ने उन पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा है कि दोस्ती में प्रतिशोध यानी बदले की कार्रवाई के लिए जगह नहीं होती है। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुँचना अनिवार्य है।

राहुल गाँधी की ट्रंप पर दोस्ती वाली टिप्पणी इसलिए काफ़ी अहम है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री मोदी दोनों एक-दूसरे को काफ़ी अच्छे दोस्त बताते रहे हैं। दो दिन पहले ही जब ट्रंप ने मोदी से बात की थी तो कहा था कि दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त हैं और कोरोना से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच समन्वय की बात हुई है। तब ख़बर यह आई थी कि ट्रंप भारत से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन आयात करना चाहते हैं। हालाँकि जब से कोरोना वायरस की महामारी ने भारत में तेज़ी पकड़ी है तब से सभी तरह की दवाइयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसी कारण ट्रंप अब दोस्ती की दुहाई दे रहे थे।

इस दोस्ती का बखान प्रधानमंत्री मोदी भी ख़ूब करते रहे हैं। वह यहाँ तक दावा करते हैं कि उनका ट्रंप से रिश्ता 'तू-तड़ाक' वाला रहा है।

जब दोनों नेता आपस में मिलते हैं तो दोनों एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ज़ोरदार स्वागत किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका दोस्ती के नारे लगवाए और नमस्ते ट्रंप की बात कही थी। इससे पहले जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में भाग लेने गए थे तो दोनों नेताओं के बीच ऐसी ही गर्मजोशी दिखी थी। भले ही दोनों नेताओं के अपने-अपने अलग हित हों और कुछ मजबूरियाँ हों, लेकिन उनके बीच संबंध काफ़ी बेहतर दिखते रहे हैं। 

ताज़ा ख़बरें
ऐसे में ट्रंप का भारत को बदले की कार्रवाई की धमकी देने का क्या मतलब है? ट्रंप के कहने का मतलब साफ़ है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा नहीं दी गई तो अमेरिका भारत पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा सकता है और भारतीय निर्यात के लिए नई अड़चनें खड़ी कर सकता है। इसे क्या कहा जाए दोस्ती या व्यापारिक सौदेबाज़ी?
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें