आपातकाल यानी इमर्जेंसी लगाए जाने के लगभग 45 साल बाद गांधी परिवार के किसी व्यक्ति और कांग्रेस पार्टी के नेता ने सार्वजनिक तौर पर माना है कि वह एक 'ग़लती' थी और उस दौरान जो कुछ हुआ वह 'ग़लत' था।