बिहार के दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास में दलित और ओबीसी छात्रों से बातचीत करने से राहुल गांधी को पुलिस ने रोक दिया। हालांकि बाद में राहुल वहां पहुंचने में कामयाब रहे। लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे डबल इंजन सरकार का फासिसज्म बताया है।
राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा में आंबेडकर हॉस्टल में जा पहुंचे
गुरुवार को पुलिस ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बिहार के दरभंगा स्थित आंबेडकर हॉस्टल के बाहर रोक दिया, जहां वे छात्रों के साथ संवाद करने वाले थे। हालांकि बाद में राहुल गांधी वहां पहुंचने में कामयाब रहे और उन्होंने दलित छात्रों को संबोधित भी किया। पुलिस का कहना है कि हॉस्टल में कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी। इस मुद्दे पर लोगों ने सोशल मीडिया पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर गुस्सा उतारा है।
इससे पहले, कांग्रेस ने संकेत दिया था कि वह बिहार की राज्य सरकार (एनडीए) के साथ टकराव के लिए तैयार है। पार्टी ने स्पष्ट किया था कि राहुल गांधी का दरभंगा शहर में छात्रों के साथ संवाद उसी स्थान पर होगा, जिसे पार्टी ने चुना है, न कि प्रशासन द्वारा सुझाए गए स्थान पर।
पार्टी ने जब आंबेडकर छात्रावास में अनुमति 'अस्वीकार' किए जाने पर आपत्ति जताई तो प्रशासन ने बुधवार रात 'शिक्षा न्याय संवाद' नामक राज्यव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम को टाउन हॉल में आयोजित करने की अनुमति दी। लेकिन कांग्रेस नेता इस बात पर अड़ गए कि कार्यक्रम आंबेडकर छात्रावास में ही होगा। इसलिए राहुल गांधी जैसे ही एयरपोर्ट पर बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें वहीं से रोकने की कोशिश शुरू कर दी। एक बार तो उसने उन्हें रोक भी दिया था।
राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "बिहार की दोहरी इंजन वाली धोखेबाज सरकार मुझे अंबेडकर छात्रावास में दलित समुदाय और पिछड़े वर्ग के छात्रों से मिलने की अनुमति नहीं दे रही है। कब से संवाद करना अपराध हो गया? आप किस बात से डरते हैं? क्या आप बिहार में शिक्षा और सामाजिक न्याय की स्थिति को छिपाना चाहते हैं?"
राहुल को रोके जाने पर दरभंगा में हालात तनावपूर्ण हो गए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच काफी देर तक गतिरोध जारी रहा। स्थानीय छात्र संगठनों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिए। छात्र संगठनों ने कहा कि सरकार इस तरह राहुल गांधी को नहीं रोक सकती है। क्या उनका संवाद करना गुनाह है। बाद में राहुल कार्यक्रम स्थल तक पैदल ही पहुंच गए।
इससे पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने दरभंगा से एक वीडियो संदेश में कहा था, "हम राहुल गांधी के आने का इंतजार कर रहे हैं... आंबेडकर हॉस्टल में कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो चुकी है। हम प्रशासन को चुनौती देते हैं कि वह हमें रोकने की कोशिश करे।"
सोशल मीडिया पर दरभंगा की घटना को लेकर काफी गुस्सा जताया जा रहा है। एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने लिखा है- बिहार में नीतीश- मोदी की डबल इंजन निकम्मी सरकार डर गई है। राहुल गांधी का का दलित-पिछड़े छात्रों से संवाद रोककर आखिर क्या छुपाना चाहते हैं नीतीश? हम बिहार में शिक्षा और सामाजिक न्याय की सच्चाई सामने लाकर रहेंगे!
मिनी नगरारे ने लिखा है- संवाद कब से अपराध हो गया? नीतीश जी, आप किस बात से डर रहे हैं? क्या बिहार में शिक्षा और सामाजिक न्याय की स्थिति छुपाना चाहते हैं?
केकेसी इंडिया ने लिखा है- अरे NDA वालों , संवाद से इतना डर क्यों? दलित-पिछड़े छात्रों की आवाज़ दबाकर क्या छुपाना चाहते हैं? शिक्षा और सामाजिक न्याय की सच्चाई सामने आएगी ही! Rahul Gandhi के साथ पूरा देश खड़ा है, क्योंकि हक़ की बात कोई रोक नहीं सकता!
विकास बंसल ने एक्स पर लिखा है- मोदी जब जब डरता है, पुलिस को आगे करता है। स्वाति दीक्षित ने लिखा है- आख़िर राहुल गांधी से मनुवादी इतना डरते क्यों हैं। आख़िर छात्रों से मिलने में क्या परेशानी है?
बिहार में चंद महीने में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल इस समय में सक्रिय हैं। कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन पाने के लिए बिहार में हाथ-पैर मार रही है। उसने युवा नेता कन्हैया कुमार को पहले ही बिहार भेज दिया है और पूरे प्रचार की कमान कन्हैया कुमार संभाल रहे हैं।