loader

रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला, इस्तीफ़ा दें : राहुल

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या संसद में झूठ बोला? कांग्रेस ने अब निर्मला सीतारमण को संसद में घेरने का मन बना बना लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट कर रक्षा मंत्री पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। राहुल ने लिखा है, “जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उस झूठ को छुपाने को लिये और झूठ बोलते हैं। रफ़ाल पर प्रधानमंत्री के झूठ का बचाव करने के कौतूहल में रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला। कल, रक्षा मंत्री संसद में वे सारे काग़ज़ात पेश करें जो यह साबित करे कि एक लाख करोड़ के सरकारी ऑर्डर एचएएल के साथ हुये हैं या फिर वह इस्तीफ़ा दें।”
दरअसल, रफ़ाल रक्षा सौदे पर संसद में जवाब देते हुये निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल से एक लाख करोड़ के रक्षा सौदे होने की बात कही थी। फिर उन्होंने सौदे का पूरा ब्यौरा भी दिया। निर्मला ने कहा कि 50 हज़ार करोड़ रुपये के 83 एलसीए तेजस फाइटर्स, 3 हज़ार करोड़ रुपये के 15 लड़ाकू हेलिकॉप्टर, 20 हज़ार करोड़ रुपये के 200 से ज़्यादा हेलिकॉप्टर, 3400 करोड़ रुपये के 19 डौर्नियर यातायात हवाई विमान, 15 हज़ार करोड़ रुपये के हेलिकॉप्टर और 84 सौ करोड़ रुपये के वायु इंजन यानी कुल मिलाकर तक़रीबन एक लाख करोड़ के रक्षा ख़रीद सौदे पर बात हो चुकी है। लेकिन ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने अपने पहले पन्ने पर ख़बर छापी है कि एचएएल के पास एक लाख करोड़ में से एक भी पैसा नहीं आया है क्योंकि एक भी सौदे पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
एचएएल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि शेयरधारकों के प्रति हमारी एक ज़िम्मेदारी है और उन्हें यह ग़लतफ़हमी नहीं होनी चाहिये कि हमारे पास सौदों के ऑर्डर हैं जबकि हमारे पास एक भी ऑर्डर अभी नहीं है।

एचएएल देश की प्रमुख रक्षा सार्वजनिक उपक्रम की कंपनी है। हाल में उसका नाम रफ़ाल मामले में उछला था जब रफ़ाल का सौदा उसकी जगह अनिल अंबानी समेत दूसरी कंपनियों के साथ कर लिया गया। 

  • अख़बार ने लिखा है कि एचएएल के अधिकारियों के मुताबिक़ एलसीए अभी कोटेशन माँगने के स्तर पर ही है और टेंडर अभी तक नहीं खोला गया है। यही हाल कामोव हेलिकॉप्टर का है जो कि एचएएल का प्रोजेक्ट भी नहीं है। यह रूस के साथ साझा उपक्रम है। अभी तक डोर्नियर के लिये कोई ऑर्डर नहीं दिया गया है। अख़बार में छपी ख़बर के अनुसार अभी तक वर्तमान सरकार के तहत सिर्फ़ 73 अति विकसित लाइट हेलिकॉप्टर का ऑर्डर ही दिया गया है। 

रक्षा सौदों में ख़रीद की प्रकिया काफ़ी पेचीदी है। एक एक सौदे को पूरा होने में सालों लगते हैं। रफ़ाल में ही दस से ज़्यादा साल लगे हैं। ऐसे में निर्मला सीतारमण ने किस आधार पर सौदों का ब्यौरा दिया, यह एक बड़ा सवाल है। ज़ाहिर है, एचएएल क्यों झूठ बोलेगा। उनके अधिकारी तो यह भी कह रहे हैं कि वह एक लिस्टेड कंपनी है और कोई भी शख़्स आकर इस बात की जाँच कर सकता है कि जिन सौदों का ज़िक्र निर्मला सीतारमण ने किया है वे हुये हैं या नहीं।

संसद की अवमानना तो नहीं?

कांग्रेस इस वक़्त हमलावर है। रफ़ाल मामले पर वह लगातार प्रधानमंत्री पर हमले कर रही है और यह नारा बुलंद कर रही है कि ‘चौकीदार चोर है’। उनका इशारा प्रधानमंत्री की तरफ़ है। ऐसे में अगर एचएएल का मामला भी गले अटक गया तो मोदी सरकार की दिक़्क़तें और बढ़ जाएँगी। अगर रक्षा मंत्री के कहे अनुसार सौदे नहीं हुये तो यह संसद की अवमानना और सदन को गुमराह करने का मामला बनेगा। रक्षामंत्री को जवाब देना होगा।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें