राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे जर्मन मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और प्रवासी भारतीयों से संपर्क साधेंगे। भाजपा ने संसद सत्र के बीच इस यात्रा के समय को लेकर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर के बीच जर्मनी का दौरा करेंगे, जहाँ वे जर्मनी सरकार के मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद करेंगे। यह यात्रा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस (IOC) की एक बड़े स्तर की वैश्विक आउटरीच पहल का हिस्सा है। यह जानकारी IOC की ओर से दी गई है। लेकिन बीजेपी इस यात्रा का कड़ा विरोध कर रही है।
IOC जर्मनी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने कहा, “लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। उनके साथ इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा भी होंगे।” IOC ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी की वैश्विक पहुंच को मजबूत करना है।
IOC यूके के महासचिव विक्रम दूहन ने टिप्पणी की, “लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी की जर्मनी यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका पर संवाद स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी, साथ ही जर्मन विधायकों और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ विचारों और अवसरों के आदान–प्रदान को भी बढ़ावा देगी।”
हालाँकि, इस यात्रा ने भारत में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। लोकसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक है, और भाजपा ने राहुल गांधी की इस दौरान विदेश यात्रा की आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर उन पर हमला बोला और कहा, "राहुल गांधी दावा करते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता, लेकिन वह अक्सर भारत से बाहर रहते हैं। बिहार चुनाव के दौरान भी वह विदेश यात्रा पर थे। वह एक अंशकालिक, गैर-गंभीर नेता हैं।"
भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने राहुल को “विदेश नायक” करार दिया और आरोप लगाया कि वे नेता प्रतिपक्ष के दायित्वों से ज़्यादा विदेशी यात्राओं को तरजीह दे रहे हैं। पूनावाला ने एक्स पर पोस्ट किया, “एक बार फिर विदेश नायक वही कर रहे हैं जो उन्हें सबसे अच्छा लगता है-विदेश यात्रा! संसद 19 दिसंबर तक चल रही है, लेकिन रिपोर्ट कहती हैं कि राहुल गांधी 15–20 दिसंबर तक जर्मनी में रहेंगे! राहुल LoP हैं- Leader of Paryatan (पर्यटन)! बिहार चुनाव के दौरान भी वे विदेश में थे और फिर जंगल सफारी पर।”
इसी विवाद के बीच राहुल गांधी ने चुनावी सुधारों को लेकर सरकार पर निशाना जारी रखा हुआ है। मंगलवार को लोकसभा में उन्होंने “वोट चोरी” के आरोप दोहराए और कहा कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलकर “चुनावों को गढ़ रहा है।” उन्होंने चुनाव आयुक्तों के चयन पैनल से मुख्य न्यायाधीश को हटाने और मुख्य चुनाव आयुक्त को दी गई दंड से छूट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इसे मोदी सरकार और भाजपा की राष्ट्रविरोधी हरकत कहा।
प्रियंका गांधी का हमला- मोदी की यात्रा पर सवाल क्यों नहीं
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा पर उठ रही आपत्तियों पर सवाल उठाया। संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "मोदी जी अपने कामकाजी जीवन का लगभग आधा समय देश से बाहर बिताते हैं, नेता विपक्ष की यात्रा पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?"
सांसद का पीएम मोदी की चुप्पी पर हमला
उधर, कांग्रेस सांसद रणजीत रंजन ने राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा का समर्थन करते हुए पूछा कि क्या देश के सभी मुद्दे "सुलझ गए" हैं?
उन्होंने पीटीआई से कहा, "संसद का सत्र चल रहा है, फिर भी प्रधानमंत्री देश भर में फैल रहे प्रदूषण या चुनावी सुधारों को लेकर बेपरवाह नजर आ रहे हैं। वे 150 साल पुराने वंदे मातरम की बात कर रहे हैं, लेकिन युवा बेरोजगारी को लेकर कोई चिंता नहीं है। वे किन मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं? उनकी चिन्ता है- राहुल गांधी कहां जा रहे हैं? मुझे हंसी आती है। सत्ताधारी पार्टी क्या कर रही है? क्या सरकार ने 140 करोड़ लोगों को प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों को हल कर दिया है?"
बीजेपी राहुल गांधी के सवाल और बयानों से काफी नाराज है। वो राहुल पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इस दौरान सरकार राहुल गांधी को कानूनी रूप से भी घेरने का इंतजाम करने में लगी रहती है। हाल ही में ईडी ने उनके खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में एक और एफआईआर दर्ज कराई है।