क्या सभी ग़ैर-बीजेपी शासित राज्य नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराएंगे? इसका क्या असर होगा? क्या क़ानूनी तौर पर केंद्र सरकार इन प्रस्तावों को मानने के लिए बाध्य है? क्या कोई राज्य सरकार केंद्र के किसी फ़ैसले को लागू करने से इनकार कर सकती है?