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देश में 'सरकारी तालिबान' का कब्जा, इनके कमांडर मौजूद: राकेश टिकैत

हरियाणा के करनाल ज़िले में किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की प्रतिक्रिया में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि 'देश में सरकारी तालिबान का कब्जा हो चुका है।' उन्होंने आगे कहा कि देश में सरकारी तालिबान के कमांडर मौजूद हैं और इन कमांडरों की पहचान करनी पड़ेगी। वह लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को 'कमांडर' बुला रहे थे।

शनिवार को किसानों के एक समूह पर हरियाणा पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के बाद क़रीब 10 लोग घायल हो गए। वे उस हाईवे को जाम किए हुए थे जो हरियाणा के करनाल की ओर जाता है। वे बीजेपी बीजेपी की उस बैठक का विरोध कर रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। इसी लाठीचार्ज से पहले वायरल एक वीडियो में करनाल ज़िले के एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा आन्दोलनकारी किसानों का सिर फोड़ने का निर्देश पुलिस वालों को देते हुए दिख रहे हैं। वे पुलिस कर्मियों को निर्देश देते हैं कि एक सीमा के आगे किसी किसान को किसी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाना चाहिए, भले इसके लिए उसका सिर फोड़ना पड़े।

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वीडियो में आयुष सिन्हा को यह कहते सुना जा सकता है, 'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।' वे कहते हैं, "बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।" 

शनिवार की इन घटनाओं के बाद आज रविवार को नूह में पहले से ही प्रस्तावित किसान महापंचायत हो रही है। राकेश टिकैत भी इस महापंचायत में शामिल होने पहुँचे हैं। जब टिकैत से शनिवार की पुलिस कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्रतिक्रिया दी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'देश में सरकारी तालिबानों का कब्ज़ा हो चुका है। देश में सरकारी तालिबानों के कमांडर मौज़ूद हैं। इन कमांडरों की पहचान करनी होगी।' जब उनसे पूछा गया कि वे कमांडर कौन हैं तो उन्होंने कहा 'जिन्होंने आदेश दिया सर फोड़ने का वही कमांडर हैं।'

इस घटना को लेकर एक दिन पहले ही टिकैत ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री खट्टर के व्यवहार को 'जनरल डायर जैसा' व्यवहार क़रार दिया। 

बता दें कि हरियाणा पुलिस ने शनिवार को उन किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिन्होंने राजमार्ग पर धरना देकर यातायात रोक दिया था। वहाँ बीजेपी की एक बैठक थी। केंद्र की बीजेपी सरकार जब से नये कृषि क़ानून लेकर आयी है तब से किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं की बैठकों और सभाओं का विरोध तो वे करते ही रहे हैं, क्षेत्र का दौरा करने आने पर उनका घेराव भी वे करते रहे हैं। शनिवार को जब बीजेपी नेताओं की बैठक हो रही थी तो किसानों ने इसके ख़िलाफ़ भी हाईवे पर जाम लगा दिया। इसी को लेकर एसडीएम ने किसानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया

सोशल मीडिया पर एसडीएम का वीडियो वायरल होने पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। अधिकारी के उस आदेश की आलोचना की जाने लगी। इस विरोध का असर ऐसा हुआ कि सत्ताधारी बीजेपी के लोग भी अधिकारी के उस आदेश की आलोचना करने लगे।

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि यह वीडियो एडिट किया हुआ है और डीएम ने ऐसा नहीं कहा है। अन्यथा भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अपने ही नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है।" 

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, "खट्टर साब, आज आपने हरियाणा की आत्मा पर लाठियाँ बरसाई हैं। आने वाली पीढ़ियां यह याद रखेगी कि हरियाणा के किसानों का ख़ून सड़कों पर गिरा है।" उन्होंने किसानों पर इस कार्रवाई की तुलना जनरल डायर जैसी कार्रवाई से की। 

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बता दें कि पुलिस कार्रवाई के बाद किसानों पर लाठीचार्ज से ग़ुस्साए किसानों ने हाईवे और कई सड़कों को जाम कर दिया। हरियाणा में कई और जगहों पर किसान सड़क पर उतर आए। जाम लगने की वजह से दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ और कई किमी. लंबा जाम लग गया। पुलिस ने रात को किसानों के गिरफ़्तार साथियों को रिहा कर दिया और इसके बाद किसानों ने भी जाम खोल दिया।   

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि पुलिस ने क्रूर लाठीचार्ज किया है। मोर्चा ने सभी किसानों से सड़क पर उतरने के लिए कहा है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि यह पुलिस और सरकार की गुंडागर्दी है और हमें इसका डटकर विरोध करना है। उन्होंने कहा है कि आसपास के सभी लोग टोल और सड़कों को जाम कर दें। 

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क़मर वहीद नक़वी
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