सपा नेता आजम खान को शनिवार को हेटस्पीच मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2 वर्ष की सजा सुनाई है। आजम खान को यह सजा 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके एक भाषण के लिए मिली है। आजम ने एक चुनावी सभा में सीएम-डीएम पर आपत्तिजनक और भड़काऊ मानी जाने वाली टिप्पणियां की थीं। उनकी इस टिप्पणी का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।
इस पर जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद आजम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाकर केस दर्ज किया गया था। आजम खान अलग-अलग मामलों में करीब 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। अब एक बार फिर हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद उनकी परेशानियां बढ़ती हुई दिख रही हैं।
इस मामले में उन्हें आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। निचली अदालत ने उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस मामले में रामपुर की स्पेशल एमपी -एमएलए कोर्ट ने उन्हें 25 मई को बरी कर दिया था।
सरकारी काम में बाधा डालने के लिए भी हो चुकी है सजा
इससे पहले इस वर्ष फरवरी में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 14 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की एमपी -एमएलए कोर्ट ने 2-2 वर्ष की सजा सुनाई थी। 2008 के इस केस में हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन एसएसपी ने आजम खान की गाड़ी को चेकिंग के लिए रुकवाया था। उन्होंने आजम की गाड़ी पर लगा हूटर भी उतरवा दिया था। इससे विवाद इतना बढ़ा कि आजम खान और कई सपा कार्यकर्ता वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। इस केस में आजम समेत अन्य सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
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