loader

द कश्मीर फाइल्स: क्या सिर्फ़ घाव हरे कर फ़ायदा उठाएगी सरकार- सुरजेवाला 

कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम और नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार और बीजेपी से सवाल पूछे हैं और उसे कटघरे में खड़ा किया है। बता दें कि इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त चर्चा है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस फिल्म में सच दिखाया गया है और इसे जानबूझकर बदनाम करने की साजिश की गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा है कि क्या देश के पीएम बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फ़िल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरने वाली मोदी सरकार को आख़िर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा?

ताज़ा ख़बरें

उन्होंने कहा कि आख़िर कब तक केवल झूठ-नफ़रत-बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे?

सुरजेवाला ने कहा, “आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ़ खड़ा रहा। 'असहयोग आंदोलन' हो, 'सविनय अवज्ञा' हो या 'भारत छोड़ो' का देशव्यापी आंदोलन हो…हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, मोदी जी बताएं- जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे? वहां के मुख्यमंत्री को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?

‘अब भी वैसे ही हैं’

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी सुरजेवाला ने कहा, “याद करें, भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गांधी जी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज़ उठायी। मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक फ़ायदे के लिए 'रथ यात्रा' निकालते रहे। ये तब भी वैसे थे और अब भी वैसे ही हैं।”

सुरजेवाला ने सवाल पूछा कि 8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया? कश्मीर में फिर से हालात बद्तर हुए, हिंसा बढ़ी और हज़ारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा। जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो “फ़िल्म” दिखाने में जुट गए?
नफ़रत की खेती से फ़ायदे की फ़सल कब तक? जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे, जब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी जब मुख्यमंत्री को हटाकर आपके नेता जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था। उन्होंने कहा कि तब भाजपा और आडवाणी जी “रथ यात्रा” में व्यस्त थे..उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे।
देश से और खबरें

यूपीए सरकार के काम गिनाए 

कांग्रेस प्रवक्ता ने यूपीए सरकार द्वारा कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के लिए किए गए कामों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में 10 साल में कश्मीर में 4241 आतंकी मारे गए, पीएम पैकेज में 3000 नौकरी दी गईं, 5911 ट्रांजिट आवास बनाये गए जबकि मोदी सरकार में 8 साल में 1419 आतंकी मारे गए, केवल 520 नौकरी मिली और 1000 ट्रांज़िट आवास बनाये गये। 

अंत में उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या सिर्फ़ घाव हरे कर फ़ायदा उठाएंगे?

द कश्मीर फाइल्स को कई राज्यों में टैक्स फ्री किया गया है और मध्य प्रदेश में तो इसे देखने के लिए पुलिस विभाग के कर्मचारियों को 1 दिन की छुट्टी भी दी गई है। बीजेपी शासित राज्यों में पार्टी के विधायक मंत्री और तमाम आला नेता इस फिल्म को देखने के लिए जा रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें