दिल्ली के लाल क़िले के पास हुए कार बम विस्फोट के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी की दूसरी कार एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट हरियाणा के खंडावली गांव के पास एक घर के बाहर खड़ी मिली। पुलिस ने बुधवार को इस वाहन की बड़े पैमाने पर तलाश शुरू की थी और कुछ घंटों बाद ही इसे बरामद कर लिया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह कार डॉ. उमर के घर के बाहर खड़ी थी। 


वाहन बरामद होने के तुरंत बाद इसकी घेराबंदी कर दी गई और विशेषज्ञों की एक टीम को जांच के लिए बुलाया गया। आशंका जताई गई कि इस कार में हथियार या विस्फोटक सामग्री हो सकती है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर DL10CK0458 है और यह डॉ. उमर उन नबी उर्फ डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर दर्ज है।

कार का रजिस्ट्रेशन और फर्जी पता!

यह लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट 22 नवंबर 2017 को दिल्ली के राजौरी गार्डन आरटीओ में रजिस्टर्ड हुई थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जाँच से पता चला है कि डॉ. उमर ने वाहन खरीदने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक फर्जी पता इस्तेमाल किया था। इस सुराग के आधार पर दिल्ली पुलिस ने देर रात उस स्थान पर छापेमारी की। 


रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फर्जी पता एक मदरसे से संचालित घर का था। इंडिया टुडे ने कहा कि घर के मालिक मौलवी तसव्वुर मदरसा चलाते हैं और उन्होंने पुष्टि की कि पुलिस देर रात पहुंची और पूछताछ की। जांचकर्ताओं ने खुलासा किया कि डॉ. उमर ने कार खरीदते समय इस पते को गलत तरीके से इस्तेमाल किया, जिससे यह संपत्ति आतंक संबंधी जांच से जुड़ गई।

दूसरी कार का इस्तेमाल

अधिकारियों का मानना है कि संदिग्धों ने इस इकोस्पोर्ट को ऑपरेशन में सेकेंडरी वाहन के रूप में इस्तेमाल किया। विस्फोट में इस्तेमाल हुई सफेद हुंडई i20 कार विस्फोट स्थल के पास पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि लाल इकोस्पोर्ट में महत्वपूर्ण सबूत या विस्फोटक हो सकते हैं। इसके बाद पुलिस को लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट को रोकने के आदेश दिए गए। गश्त और पिकेट ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को पूरी तरह सशस्त्र और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए, ताकि वाहन दिखते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके।

दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज, टोल बूथ रिकॉर्ड और मोबाइल टावर डेटा की स्कैनिंग की, ताकि कार की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

डॉ. उमर की पहचान

डॉ. उमर को ही वह व्यक्ति माना जा रहा है, जो सफेद हुंडई i20 चला रहा था, जो लाल क़िले के पास फट गई। जाँच एजेंसियों ने उनके परिवार के सदस्यों से डीएनए सैंपल लिए हैं, जिनकी तुलना विस्फोट स्थल से मिले सबूतों से की जा रही है, ताकि ड्राइवर की पहचान की पुष्टि हो सके।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि डॉ. उमर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हमला प्लान किया था। हालाँकि, साथियों की गिरफ्तारी के बाद घबराहट में उसने अकेले ही इसे अंजाम दिया। उसके साथी सोमवार को फरीदाबाद में गिरफ्तार हुए थे। 


डॉ. उमर 2023 में फरीदाबाद के अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस में शामिल हुआ था। डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन कथित तौर पर एक आतंकी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसमें पांच-छह डॉक्टर शामिल थे। विस्फोट की जांच के तहत लाल किले क्षेत्र के मोबाइल टावर डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि घटना वाले दिन दोपहर 3 बजे से शाम 6:30 बजे के बीच डॉ. उमर ने किससे संपर्क किया था।