क्या आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ऑर्गेनाइजर ने मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने वाले मुद्दे पर मोहन भागवत के बयान के विपरीत विचार रखा है? दरअसल, मंदिर-मस्जिद विवाद के फिर से उभरने पर मोहन भागवत की नाराजगी के कुछ दिनों बाद आरएसएस से जुड़ी पत्रिका के ताजा अंक में कहा गया है कि सोमनाथ से लेकर संभल और उसके आगे तक यह ऐतिहासिक सच्चाई जानने और 'सभ्यतागत न्याय' की लड़ाई है। ऑर्गेनाइजर के इस संपादकीय के बाद कहा जाने लगा कि क्या आरएसएस की पत्रिका मोहन भागवत के विचारों के विपरीत तर्क रख रही है? जब इस पर विवाद होने लगा तो अब ऑर्गेनाइजर ने सामाजिक सद्भाव पर आरएसएस प्रमुख के विचारों का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है।
क्या मंदिर-मस्जिद पर भागवत व संघ की पत्रिका ऑर्गेनाइजर में विरोधाभास?
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- 27 Dec, 2024
आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ऑर्गेनाइजर ने अब इस पर सफ़ाई क्यों जारी की है कि मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में उसका संपादकीय मोहन भागवत के बयान के विपरीत नहीं है? जानिए, आख़िर विवाद क्या है और क्या सफ़ाई दी गई है।

सफाई वाले बयान में पत्रिका ने क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर मोहन भागवत ने क्या कहा है और इस पर ऑर्गेनाइजर ने अपने संपादकीय में क्या कहा था।