राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया कि भारत ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण दिवस पर अपनी 'सच्ची आजादी' हासिल की। उनके मुताबिक राम मंदिर निर्माण की तिथि को ''प्रतिष्ठा द्वादशी'' के रूप में मनाया जाना चाहिए। (हालांकि कई शहादतों और महात्मा गांधी-नेहरू के लंबे अहिंसा आंदोलन के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी हासिल हुई। लेकिन आरएसएस की नजर में उसका कोई महत्व नहीं है। )
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महान स्वतंत्रता आंदोलन को खारिज किया और ये कहा...
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- 29 Mar, 2025
देश का महान स्वतंत्रता आंदोलन, संविधान आरएसएस की नजर में क्या है, यह अब पूरी तरह और अच्छी तरह से साफ हो गया। शहीद-ए-आजम भगत सिंह से लेकर चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्लाह खान की शहादत और महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक मिनट में ही खारिज कर दिया। उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण जिस दिन हुआ, उस दिन भारत को सही मायने में आजादी मिली। भारत के महान स्वतंत्रता आंदोलन को मिटाने की संघ की कोशिश पुरानी है लेकिन अब वो मुखर होकर सामने आकर बोलने लगे हैं। आखिर आरएसएस प्रमुख भागवत और अन्य संघ-भाजपाई नेता इस आजादी को क्यों मिटाना चाहते हैं, जानियेः

मोहन भागवत