वैसे तो भारत की चर्चा दुनिया में इसलिए होती है कि दुनिया का यह अकेला ऐसा मुल्क है जिसमें सबसे ज़्यादा जातियां, धर्मों, मतों, संप्रदायों को मानने वाले लोग मिल-जुलकर रहते हैं। लेकिन इससे भी ज़्यादा चर्चा इस बात की होती है कि भारत का संविधान इतना मजबूत है कि यह देश के हर व्यक्ति के अधिकारों को सुनिश्चित करता है और उसे अपनी बात कहने का अधिकार देता है। संविधान को मानना सभी भारतवासियों का फर्ज है लेकिन संविधान किसी कृत्य को ग़ैर-क़ानूनी क़रार दे और फिर भी कोई वही काम करे तो क्या होना चाहिए। निश्चित रूप से यह काम असंवैधानिक होगा और वह इस इरादे से किया जाए कि इससे देश के किसी दूसरे समुदाय में नाराज़गी बढ़े तो यह विभाजनकारी और घृणित भी होगा।