आरएसएस का कहना है कि संविधान और धार्मिक आजादी की आड़ में देश में धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है और एक समुदाय विशेष सरकारी तंत्र में घुसने की योजना बना रहा है। संघ ने शनिवार को अपनी 2022 की वार्षिक रिपोर्ट में ये बातें कहीं हैं। संघ का यह भी कहना है कि इस खतरे को पराजित करने के लिए हमने हर मुमकिन कोशिश की है।




संघ की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बढ़ती धार्मिक कट्टरता ने कई जगहों पर फिर सिर उठाया है। केरल, कर्नाटक में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं इसका एक उदाहरण हैं। साम्प्रदायिक उन्माद, रैलियों, प्रदर्शनों, संविधान की आड़ में सामाजिक अनुशासन का उल्लंघन, रीति-रिवाजों और परंपराओं और धार्मिक स्वतंत्रता को उजागर करने वाले नृशंस कृत्यों का सिलसिला बढ़ रहा है। मामूली कारणों को भड़काकर, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना आदि इसमें शामिल है।