नेपाल में जारी हिंसा पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने चेतावनी दी कि भारत की स्थिति भी चिंताजनक है और उसे सतर्क रहना चाहिए।
नेपाल की सड़कों पर भड़की हिंसा और अराजकता ने न केवल पड़ोसी देश को हिलाकर रख दिया, बल्कि भारत के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है! कम से कम शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने तो यही चेताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भारत की स्थिति भी चिंताजनक है और नेपाल जैसा हाल यहाँ भी हो सकता है। 'सामना' के तीखे संपादकीय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'नेपाल की आग से भारत को सबक लेना चाहिए, वरना बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की चिंगारी देश को भी लपेटे में ले सकती है।'
संजय राउत ने नेपाल की स्थिति को भारत से जोड़ते हुए कहा कि 'भारत की स्थिति भी अच्छी नहीं है, सब सतर्क रहें।' उन्होंने एक्स पर नेपाल के वित्त मंत्री बिश्नु प्रसाद पौडेल पर हमले का वीडियो शेयर किया और लिखा, 'यह किसी भी देश में हो सकता है! सावधान रहें! भारत माता की जय, वंदे मातरम।' उन्होंने पीएम मोदी, भाजपा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग किया।
राउत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, 'नेपाल का संकट भ्रष्टाचार, तानाशाही और मंत्रियों के परिवारों के विदेशों में ऐशोआराम से हुआ। भारत में भी यही स्थिति है। करदाताओं का पैसा विदेश जा रहा है। किसी का बेटा दुबई में, कोई सिंगापुर में।' उन्होंने आरोप लगाया कि युवा बेरोजगारी और समस्याओं से चुप हैं, लेकिन नेपाल की 'आग' भारत तक फैल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में हिंसा नहीं होने के पीछे की वजह यह है कि लोग महात्मा गांधी के अहिंसक विचारधारा में विश्वास करते हैं। राउत ने कहा, 'मोदी सरकार गांधीजी की अहिंसा की विचारधारा से ही बच रही है।' उन्होंने नेपाल को 'भारत का छोटा भाई' बताते हुए विदेश नीति की विफलता का भी जिक्र किया।
'सामना': नेपाल से सीख ले भारत
शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र 'सामना' के बुधवार के संपादकीय 'नेपाल की हिंसा और भारत' में कहा गया, 'नेपाल की आग बेरोजगारी और गुस्से की चिंगारी से लगी है, भारत को इससे सबक लेना चाहिए।' संपादकीय में चेतावनी दी गई कि भारत में रोजगार का विनाश हो रहा है। 80 करोड़ लोग सरकार के 5-10 किलो मुफ्त राशन पर निर्भर हैं। मोदी-शाह लोकतंत्र को तबाह करके चुनाव जीत रहे हैं। लोकतंत्र के सभी स्तंभ ढह रहे हैं। धर्म और जाति की राजनीति चरम पर है। ये सभी विकार देश के लिए खतरनाक हैं।
सामना संपादकीय ने पड़ोस के श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अशांति का जिक्र किया, जहां भूख, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के कारण संसद 'लोगों के लिए बेकार' हो गई।
विदेश नीति पर निशाना साधते हुए कहा, 'पहले नेपाल का रंग भगवा था, अब चीन के प्रभाव से लाल हो गया। नेपाल अब चीन और पाकिस्तान की ओर रुख कर रहा है, यह भारत की विदेश नीति की विफलता है।' संपादकीय ने कहा, 'जब भूख और बेरोजगारी हो तो लोग बंदूकों से नहीं डरते।'
भारत पर असर
नेपाल के संकट ने भारत को सतर्क कर दिया है। एमईए ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सीमा पर हाई अलर्ट है और भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने को कहा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल की अस्थिरता भारत के लिए आर्थिक और सुरक्षा चुनौती है, क्योंकि दोनों देशों के बीच खुली सीमा है।
पड़ोसी देश नेपाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सोशल मीडिया प्रतिबंध के ख़िलाफ़ युवाओं द्वारा शुरू किए गए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। नेपाल में 4 सितंबर 2025 को सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। युवा पीढ़ी ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। नेपाल की आबादी में युवाओं का बड़ा हिस्सा है, जहां बेरोजगारी दर 12.6 प्रतिशत है और औसत आय मात्र 1,400 अमेरिकी डॉलर सालाना है।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण शुरू हुए, लेकिन 8 सितंबर को काठमांडू में पुलिस ने आंसू गैस, वॉटर कैनन, रबर बुलेट्स और असली गोलियों का इस्तेमाल किया। इसमें कई लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हुए। 9 सितंबर को स्थिति और बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसकर आग लगा दी, मंत्रियों के घरों पर हमला किया और कई सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। कई मंत्री भाग गए या इस्तीफा दे दिया। काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया और सेना तैनात कर दी गई। नेपाल आर्मी ने अपील की कि शांति बनाए रखें।
प्रदर्शनकारियों ने #NepoBaby जैसे हैशटैग से नेताओं के बच्चों की ऐशोआराम वाली जिंदगी पर निशाना साधा। पूर्व गृह मंत्री रवि लामिछाने समेत कई कैदी जेल ब्रेक में छूट गए। नेपाल का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद हो गया, जिससे भारत से उड़ानें प्रभावित हुईं। भारत ने अपनी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को नेपाल यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है।