नितिन नबीन को मिली नई जिम्मेदारी के बाद बीजेपी के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या उन्हें वास्तव में पार्टी की कमान सौंपी गई है या वे सिर्फ़ ‘रबर स्टैंप’ बनकर रह जाएंगे?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
























