चीन भले ही भारत के साथ रिश्ते सुधारने की बात कह रहा है, लेकिन भारत की सीमा से सटे इलाकों में सैन्य ढाँचे भी खड़ा करता जा रहा है। 2020 के सीमा संघर्ष के एक प्रमुख बिंदु से लगभग 110 किलोमीटर दूर तिब्बत में पैंगोंग झील के पूर्वी किनारे पर चीन द्वारा एक विशाल एयर डिफेंस परिसर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। अमेरिकी जियो-इंटेलिजेंस फर्म ऑलसोर्स एनालिसिस द्वारा पहली बार पहचाने गए इस परिसर में कमांड एंड कंट्रोल भवन, बैरक, वाहन शेड, हथियार रखने की जगह और रडार पोजीशन शामिल हैं। इंडिया टुडे ने यह ख़बर दी है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें वह फैसिलिटी भी है जो लॉन्चर को ढक कर रखती है और जिसका दुश्मनों को पता नहीं चल पाता है। ये ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर वेहिकल्स के लिए डिजाइन की गई हैं जो मिसाइलों को ले जाने, ऊंचा उठाने और दागने की क्षमता रखती हैं।
चीन ने भारत सीमा के पास बनायी नयी एयर-डिफेंस साइट, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा: रिपोर्ट
- देश
- |
- 24 Oct, 2025

सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन ने भारत सीमा के नज़दीक नई एयर-डिफेंस साइट तैयार की है। यह कदम सीमा सुरक्षा और सामरिक संतुलन को लेकर भारत के लिए नई चुनौती माना जा रहा है।

चीन के ल्हुंज़े एयरबेस पर ढांचा। (फोटो साभार: एक्स/@detresfa_)
रिपोर्ट में इंटेलिजेंस विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि वह फ़ैसिलिटी चीन के लंबी दूरी वाले एचक्यू-9 सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम को छुपा सकती है और सुरक्षा दे सकती है। चीन के एचक्यू-9 को रूसी S-300 और अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम के बराबर माना जाता है। यह विमानों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर नष्ट करने की क्षमता रखता है। चीन की यह फैसिलिटी न केवल भारत की वायु सेना की गतिविधियों को चुनौती दे सकती है, बल्कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की हवाई वर्चस्व की रणनीति को मजबूत करती है।























