यदि किसी सीट पर सभी उम्मीदवारों से ज़्यादा वोट नोटा को मिल जाए तो क्यों न दोबारा चुनाव कराया जाए? इसी तर्क को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इसमें उन सीटों पर पुनर्मतदान की मांग की गई है जहां अधिकांश वोट उपरोक्त में से कोई नहीं यानी नोटा को मिले हों।
नोटा अव्वल आए तो क्या चुनाव दोबारा नहीं होना चाहिए? SC का EC से सवाल
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- 26 Apr, 2024
सूरत में भाजपा उम्मीदवार मैदान में एकमात्र उम्मीदवार थे जो निर्विरोध चुने गए। लेकिन यदि नोटा को काल्पनिक उम्मीदवार माना जाता और ज़्यादा वोट नोटा को मिलते तो क्या दोबारा चुनाव नहीं होना चाहिए था? जानिए, इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'यह चुनावी प्रक्रिया के बारे में भी है। आइए देखें चुनाव आयोग क्या कहता है।' सीजेआई के साथ ही न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा वाली इस पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए कोई तारीख बताए बिना चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।