सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के 2023 के उस फ़ैसले को खारिज कर दिया जिसमें किशोरियों को यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह दी गई थी। हाईकोर्ट के 18 अक्टूबर 2023 के फैसले को खारिज करते हुए जस्टिस एएस ओका और उज्जल भुइयां की दो जजों की बेंच ने कहा कि उसने पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोपी की सजा को बहाल कर दिया है।
'यौन इच्छाओं पर नियंत्रण' रखने को कहने वाला HC का आदेश सुप्रीम कोर्ट से खारिज
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- 20 Aug, 2024
ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को पोक्सो सहित कई धाराओं में यौन उत्पीड़न के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। लेकिन हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था। जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने अब क्या कहा।

कलकत्ता हाई कोर्ट के एक फ़ैसले में किशोरियों से अनावश्यक रूप से यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने के लिए कहा गया था। इसने कहा था कि समाज की नजर में जब वे मुश्किल से दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए झुक जाती हैं, तो वे हार जाती हैं। हाई कोर्ट की यह टिप्पणी एक छोटी लड़की के अपहरण और यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को बरी करते हुए आई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी कलकत्ता हाई कोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ अपील दायर की।