यूएपीए केस में चार साल से जेल में बंद एक आरोपी को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को कड़ी फटकार लगाई। मुकदमे में 4 साल की देरी हुई और जब जमानत के लिए याचिका लगाई गई तो एनआईए ने इसका विरोध किया। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए पर बेहद सख्त लहजे में टिप्पणी की।
मुकदमे में 4 साल की देरी पर SC बोला- न्याय का मजाक न बनाए एनआईए
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- 4 Jul, 2024
यूएपीए के एक मामले में एनआईए यानी नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर क्यों फटकार लगाई? जानिए, इसने क्या कहा है।

यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत दर्ज किया गया था। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने बिना किसी लाग-लपेट के एजेंसी से कहा कि वह 'न्याय का मजाक' न उड़ाए और कहा कि भले ही आरोपी पर गंभीर अपराध करने का आरोप है, लेकिन उसे त्वरित सुनवाई का अधिकार है।