पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदबंरम की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अब यह संभावना जताई जा रही है कि प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम को गिरफ़्तार कर सकता है। 
आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम अभी भी सीबीआई की हिरासत में हैं। चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि चिदंबरम ट्रायल कोर्ट के सामने नियमित जमानत की अर्जी दाख़िल कर सकते हैं।
आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका को रद्द किये जाने के बाद चिदंबरम को दिल्ली के जोरबाग स्थित उनके आवास से सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया गया था।
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क्या है आईएनएक्स मीडिया मामला?

आरोप है कि 2007 में कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी जबकि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना ज़रूरी है। आरोप है कि इस मामले में सभी नियमों को ताक पर रखा गया था। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है। उस दौरान चिदंबरम केंद्र में वित्त मंत्री थे।
इस मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी। आरोप है कि कार्ति ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी. चिदंबरम से मिलवाया था। यह भी आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाने में कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर मोटी रकम ली थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ़्तार भी किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी। फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी थी।
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चिदंबरम का कहना है कि वह पूरी तरह निर्दोष हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि न तो सीबीआई और न ही प्रवर्तन निदेशालय ने उनके ख़िलाफ़ कोई चार्जशीट दाखिल की है। एफ़आईआर में भी उनका नाम नहीं है। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा था कि उन्हें और उनके परिवार के लोगों को फँसाया गया है। 
चिदंबरम के बुरी तरह घिरने के बाद कांग्रेस ने सीबीआई की कार्रवाई को राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी, महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने चिदंबरम के समर्थन में ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा था कि चिदंबरम और उनके परिवार के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है और यह पूरी तरह क़ानून और लोकतंत्र का अपमान है।