बिहार SIR में अंतिम मतदाता सूची पर सुप्रीम कोर्ट को भी भ्रम है। अदालत ने चुनाव आयोग से साफ़ करने को कहा है कि क्या अंतिम सूची में जोड़े गए नए नाम वे ही हैं जो पहले ड्राफ्ट सूची से हटा दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बिहार की मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के बीच आई है, जहां लाखों नामों की हटाने-जोड़ने की प्रक्रिया पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लग रहा है। दो दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने दावा किया है कि बिहार में मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध हो गई है और यह प्रक्रिया 22 साल बाद की गई है।