सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि बिहार में विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर अभियान में कोई गड़बड़ी या अवैधता साबित हुई तो कोर्ट पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देगा। यह चेतावनी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची के संशोधन को लेकर उठे विवाद के बीच आई है। कोर्ट ने साफ़ कहा कि मतदाता सूची को साफ़-सुथरा रखना ज़रूरी है, लेकिन इसका इस्तेमाल लोगों को वोट देने से रोकने के लिए नहीं किया जा सकता।
'गड़बड़ी साबित हुई तो बिहार SIR को रद्द कर देंगे'- SC की चुनाव आयोग को चेतावनी
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- 15 Sep, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सख़्त चेतावनी दी कि अगर बिहार SIR अभियान में धांधली साबित हुई तो इस अभियान को रद्द किया जा सकता है। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

बिहार एसआईआर मतदाता सूची की प्रतीकात्मक तस्वीर।
बिहार में चुनाव आयोग ने 24 जून को विशेष गहन संशोधन यानी SIR अभियान की घोषणा की थी। इसका मक़सद मतदाता सूची को अपडेट करना है, ताकि सभी योग्य मतदाताओं को शामिल किया जा सके और अयोग्य नामों को हटाया जा सके। आयोग का कहना है कि पिछले 20 सालों में बड़े पैमाने पर नाम जोड़े और हटाए जाने से डुप्लिकेट एंट्रीज की आशंका बढ़ गई है। इस अभियान के तहत 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने हिस्सा लिया, जो 92% से ज्यादा है। लेकिन विपक्षी दल और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR जैसे चुनाव सुधार में लगे एनजीओ ने आरोप लगाया कि यह अभियान मनमाना और भेदभावपूर्ण है। उनका कहना है कि इससे करोड़ों गरीब, प्रवासी और अल्पसंख्यक मतदाताओं को वोट का हक छीना जा सकता है।





















