सेबी ने हिंडनबर्ग हेरफेर मामले में गौतम अडानी को पाक-साफ़ क़रार दे ही दिया। सेबी यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने गुरुवार को अडानी ग्रुप को हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों से बड़ी राहत दी। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इनसाइडर ट्रेडिंग, शेयर बाजार में हेरफेर और संबंधित पक्षों के लेन-देन के नियमों के उल्लंघन जैसे आरोपों की जांच के बाद सेबी ने सभी कार्यवाहियों को बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चली इस जांच से लगभग दो साल बाद अडानी ग्रुप को राहत मिली है। 2023 के हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कंपनी को भारी नुक़सान हुआ है।
लीजिए, सेबी ने दे दी अडानी को क्लीन चिट, हिंडनबर्ग के सभी आरोप खारिज; पर सवाल बाक़ी
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- 18 Sep, 2025
सेबी ने अडानी समूह को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सभी आरोपों से बरी किया, लेकिन पारदर्शिता और बाज़ार नियमन पर कई अहम सवाल अब भी उठ रहे हैं। पूरी रिपोर्ट जानें।

सेबी ने साफ़ तौर पर अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी, उनके भाई राजेश अडानी और समूह की प्रमुख कंपनियों- अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडानी पावर, और अडिकॉर्प एंटरप्राइजेज को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी आरोपों से क्लीन चिट दे दी है। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में हेराफेरी, गलत हिसाब-किताब, और नियम तोड़ने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन सेबी ने अपनी जांच में इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ।