क़रीब 1.8 लाख सैनिकों की भारी कमी से जूझ रही भारतीय थल सेना अब अग्निवीर भर्ती को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की योजना बना रही है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि अभी हर साल 45-50 हजार अग्निवीरों की भर्ती हो रही है, जिसे अब बढ़ाकर क़रीब 1 लाख सालाना करने पर विचार हो रहा है। कहा जा रहा है कि इसका मक़सद कोविड काल में रुकी भर्तियों और हर साल 60-65 हजार सैनिकों के रिटायरमेंट से पैदा हुई कमी को तेजी से पूरा करना है।

2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण सैनिक भर्ती पूरी तरह ठप रही। इस दौरान भी हर साल 60-65 हजार जवान रिटायर होते रहे। यानी दो साल में ही करीब 1.2-1.3 लाख सैनिकों की कमी हो गई। उस समय अग्निपथ योजना भी शुरू नहीं हुई थी और पुराने तरीके से भर्ती भी नहीं हो पाई।
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14 जून 2022 को जब अग्निपथ योजना शुरू हुई, तो पहले साल तीनों सेनाओं के लिए कुल करीब 46 हजार पद स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से सेना के हिस्से 40 हजार आए। नौसेना और वायुसेना को बाकी बांटे गए। योजना थी कि चार-पांच साल में सेना में अग्निवीरों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाकर 1.75 लाख तक ले जाया जाएगा।

लेकिन समस्या यह है कि 2022 से भले ही सीमित संख्या में अग्निवीर भर्ती होने लगे, रिटायरमेंट की रफ्तार नहीं रुकी। हर साल 60-65 हजार पुराने जवान रिटायर हो रहे हैं, जबकि नए आ रहे हैं सिर्फ 40-50 हजार। इसका नतीजा यह हुआ कि अभी कुल कमी क़रीब 1.8 लाख तक पहुंच चुकी है।
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2026 से दोहरा झटका लगेगा

2026 के अंत से एक नया संकट शुरू होने वाला है। पहला बैच अग्निवीरों का चार साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा और उनमें से कुछ सेना से बाहर हो जाएंगे। साथ ही 2020 से पहले भर्ती हुए पुराने जवान भी 60 हजार की रफ्तार से रिटायर होते रहेंगे। यानी हर साल क़रीब 90 हज़ार से 1 लाख जवान सेना से बाहर होंगे, जबकि अभी भर्ती सिर्फ़ आधी ही हो रही है।

इसी को देखते हुए सेना ने फ़ैसला किया है कि 2025-26 से हर साल अग्निवीरों की भर्ती को बढ़ाकर क़रीब 1 लाख किया जाए। अगले तीन से पाँच साल में इसी रफ्तार से भर्ती करके मौजूदा 1.8 लाख की कमी को धीरे-धीरे पाटने और रिटायर होने वाले जवानों की जगह भरने की योजना है।

ट्रेनिंग सुविधाओं का हाल

सेना की ओर से कहा गया है कि अतिरिक्त पदों की घोषणा करते समय सभी रेजीमेंटल सेंटरों की ट्रेनिंग क्षमता का पूरा खयाल रखा जाएगा ताकि गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो और मौजूदा सुविधाओं का अधिकतम उपयोग हो सके। सेना के प्रवक्ता ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'अग्निपथ योजना के पहले चार साल में कुल 1.75 लाख अग्निवीर भर्ती किए जा रहे हैं। मौजूदा कमी को पूरा करने के लिए आगे भर्ती की जाएगी और उसी के अनुसार पद जारी किए जाएंगे।'
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क्या है अग्निपथ की मौजूदा स्थिति?

  • 2022 में शुरुआत: सेना के लिए क़रीब 40,000 पद
  • 2023-2024: औसतन 45-50 हजार सालाना
  • 2025 तक कुल लक्ष्य: 1.75 लाख अग्निवीर
  • 2026 से कुछ अग्निवीर रिटायर होने लगेंगे
अब कहा जा रहा है कि जिस तेजी से सैनिकों की कमी बढ़ रही है, उसे देखते हुए 1 लाख सालाना भर्ती से इस कमी को भरने में कई साल लग जाएँगे।