आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वालकर के साथ यह फोटो अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर पोस्ट किया था।
आरोपी को मौत की सजा मिलना चाहिए। मुझे इसके पीछे लव जिहाद के एंगल का संदेह है। मुझे दिल्ली पुलिस पर भरोसा है और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मैंने पहली शिकायत मुंबई के वसई में दर्ज कराई थी।
आसान नहीं है सबूत जुटाना
दिल्ली पुलिस को इस मामले में लव जिहाद का एंगल तलाशने के लिए बहुत मशक्कत करना पड़ेगी। इस संबंध में श्रद्धा का कोई संदेश, कोई पत्र या वीडियो रेकॉर्ड ही मदद कर सकता है। हालांकि 28 साल का आफताब फूड ब्लॉगर था और दिल्ली के एक कॉल सेंटर में काम करता था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या उसने पीड़िता की हत्या की साजिश के तहत दिल्ली के छतरपुर इलाके में फ्लैट किराए पर लिया था। पुलिस ने आफताब से पूछताछ के बाद कहा है कि डेटिंग ऐप पर मिले इस जोड़े के बीच अक्सर झगड़े होते थे। यानी लिव इन में होने के बावजूद इनके संबंध अच्छे नहीं थे।
पुलिस सूत्रों ने एएनआई को बताया कि आफताब और श्रद्धा 2019 से रिलेशनशिप में थे और इसी साल दिल्ली चले गए थे। इससे पहले, वे महाराष्ट्र में थे और विभिन्न स्थानों पर जाते रहते थे। दोनों मार्च-अप्रैल में कुछ हिल स्टेशनों पर भी गए। मई में दोनों हिमाचल प्रदेश गए, जहां उनकी मुलाकात छतरपुर के रहने वाले एक शख्स से हुई। दोनों दिल्ली आ गए और शुरू में उस आदमी के फ्लैट में रुके थे। बाद में, आफताब ने छतरपुर में फ्लैट किराए पर लिया, और वहां शिफ्ट हो गया। लेकिन चंद दिनों बाद 18 मई को आफताब ने छतरपुर फ्लैट में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह जांच का विषय है कि क्या आफताब ने पहले ही उसकी हत्या की साजिश रची थी। अगर यह साबित हो गया या इससे संबंधित कोई सबूत मिले तो फिर लव जिहाद के एंगल की तह तक पहुंचते देर नहीं लगेगी।
लव जिहाद के आरोप से किसका फायदा
श्रद्धा की हत्या की चौतरफा निन्दा हो रही है। हर राजनीतिक दल ने इसकी निन्दा की है। लेकिन लव जिहाद के एंगल से जांच की मांग ने इस चर्चित घटना के पूरे स्वरूप को बदल दिया है। लव जिहाद के आरोप की शुरुआत केरल से हुई थी। यह मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट में जा पहुंचा। उसके बाद यूपी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून भी पारित किया। कई चुनावों में बीजेपी ने लव जिहाद का मुद्दा उठाकर हिन्दू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण भी कराया।
अभी तक कोई ऐसा संगठन या गिरोह देश के किसी भी हिस्से में नहीं पकड़ा गया, जिसने यह जिम्मेदारी ली हो कि वो हिन्दू लड़कियों को मुसलमान बनाने के लिए कोई अभियान चला रहा हो। कुछ मामलों में पुलिस ने सूबत जुटाए लेकिन अदालत में उस केस के पहुंचने पर उसकी धज्जियां उड़ गईं। केरल में तो केस खत्म होने के बाद लड़की ने अपना धर्म परिवर्तन करके नाम बदला और मुस्लिम युवक से शादी की। अदालत ने उस शादी में हस्तक्षेप करके उसे होने दिया, क्योंकि उसमें लड़की का परिवार और पुलिस आड़े आ रही थी।
भारत में कुछ हाई प्रोफाइल हिन्दू-मुस्लिम शादियां भी हुईं, लेकिन उसे बीजेपी ने कभी मुद्दा नहीं बनाया। हरियाणा में कांग्रेस से बीजेपी में आए कुलदीप विश्नोई के भाई ने तो दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया। बीजेपी के एक वयोवृद्ध नेता के घर में मुस्लिम दामाद आया। बीजेपी के दो अन्य नेता मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन की पत्नियां हिन्दू हैं। ऐसे और भी उदाहरण हैं। लेकिन समय-समय पर बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन अपनी सुविधा के अनुसार लव जिहाद को मुद्दा बना देते हैं।