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अखंड भारत: '15% की जगह 45% मुसलिमों को कैसे सहेंगे?'

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जैसे ही कहा कि 15 साल में अखंड भारत बन जाएगा, सोशल मीडिया पर सवालों की लंबी फेहरिस्त खड़ी हो गई। अग्रिम बधाइयाँ तो मिली ही। सवाल ऐसे थे- उस अखंड भारत में मौजूदा कौन-कौन से देश होंगे? तालिबान वाला अफ़ग़ानिस्तान भी होगा न? 15 साल तक इंतज़ार क्यों, 15 दिन में क्यों नहीं? अखंड भारत के लिए औरंगज़ेब जैसे शासक की ज़रूरत होगी! 15.5 फ़ीसदी मुसलमानों को नहीं सहने वाले क्या तब 45 फ़ीसदी मुसलमानों को सह पाएँगे?

सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाएँ तब शुरू हुईं जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 15 साल में अखंड भारत बन जाएगा और वे अहिंसा की बात करेंगे लेकिन हाथों में डंडा लेकर अपनी बात कहेंगे। 

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इसके साथ भागवत ने यह भी कहा कि अखंड भारत को बनने से रोकने वाला कोई नहीं है और जो भी इसके रास्ते में आएगा वह मिट जाएगा। वैसे, अखंड भारत के तहत यह कहा जाता है कि भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान तक थीं। पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से ही बने हैं। इसके अलावा श्रीलंका, भूटान, म्यांमार सहित कई देशों को अखंड भारत का हिस्सा बताया जाता है। 

हालाँकि, अखंड भारत के समर्थकों ने ट्वीट में उन देशों के गठन की तारीखों के साथ एक मैप ट्वीट किया है जिसको वे अखंड भारत का हिस्सा मानते हैं। संदीप शिंदे नाम के यूज़र ने ट्वीट किया है, '...भारत 150 सालों से टूटता रहा है। अखंड भारत हर राष्ट्रवादी हिंदू का सपना होना चाहिए। पहले हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाएँ और तब अखंड भारत।'

'अखंड भारत' पर एक बहस को साझा करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है, 'एक तरफ वे अखंड भारत चाहते हैं - जिसका मतलब अनिवार्य रूप से लगभग 45% मुसलिम आबादी होगी - दूसरी ओर वे भारत में 15.5% मुसलमानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनके वैचारिक निर्माण की विसंगति को देखिए।'

कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम ने भागवत के बयान से काफी पहले ही 4 अप्रैल को कहा था, 'श्रीलंका और पाकिस्तान दोनों में सरकारें संकट में हैं, अखंड भारत के समर्थकों को भारत के साथ विलय का प्रस्ताव देना चाहिए, क्या कहते हैं? बीजेपी।'
मोहन भागवत के बयानों पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले नेताओं में से एक संजय राउत को लेकर भी लोगों ने ट्वीट किया है। एक यूज़र ने लिखा है, 'संजय राउत अखंड भारत के पहले विदेश मंत्री होंगे।'
एक यूज़र ने लिखा है, 'मोदी ने हमें 25 साल इंतजार करने को कहा है (अमृत काल)। भागवत ने हमें 15 साल इंतजार करने को कहा है (अखंड भारत)।'
एक यूज़र ने लिखा है, 'अखंड भारत को सच साबित करने के लिए हमें औरंगज़ेब आलमगीर जैसे शासक चाहिए। उन्होंने कभी ऐसा कर दिखाया था।'
एक यूज़र ने एक मसजिद की रक्षा में मानव शृंखला बनाए हिंदुओं की तसवीर को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'अखंड भारत की अखंड तसवीर... बिहार में नमाज के दौरान मसजिद की सुरक्षा के लिए शृंखला बनाते हिंदू। यही भगवा का वास्तविक स्वरूप है। सम्मान करना, रक्षा करना।'

कुछ यूज़रों ने मोहन भागवत के बयान का मजाक भी उड़ाया है। संदीप थापर नाम के यूज़र ने लिखा है, 'वीकेंड हास्य! संयोग से पूरा लेख पढ़ा। कहीं भी अखंड भारत की परिभाषा नहीं दी गई है- इसमें क्या-क्या शामिल होगा! सुविधाजनक!'

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बता दें कि अखंड भारत को लेकर यह कोई ऐसा पहला बयान नहीं है। इससे पहले भी इसको लेकर जब तब बयान आते रहे हैं। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने भी कुछ साल पहले अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में अखंड भारत को लेकर बयान दिया था। लेकिन बाद में उन्होंने इसे लेकर सफाई दी थी और कहा था कि यह सेना और आक्रमण के ज़रिए नहीं होगा बल्कि सद्भावना से ऐसा होगा। यह सफाई उन्हें इसे लेकर आई प्रतिक्रियाओं के कारण देनी पड़ी थी।
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क़मर वहीद नक़वी
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