क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने जोधपुर सेंट्रल जेल से पहली बार संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वे लद्दाख में हालिया हिंसा के दौरान हुई चार मौतों की स्वतंत्र न्यायिक जांच का आदेश आने तक वह जेल में ही रहने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत गिरफ्तार वांगचुक ने अपने वकील मुस्तफा हाजी और अपने बड़े भाई त्सेतन दोर्जे ले के माध्यम से यह संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखने और गांधीवादी अहिंसा के मार्ग पर चलने की अपील की। यह बयान लद्दाख में छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को नई दिशा दे रहा है, जबकि उनकी पत्नी डॉ. गीतांजली अंगमो की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है।