सोनम वांगचुक की पत्नी गितांजलि एंगमो ने सरकार पर सताने और निगरानी करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक पत्र लिखकर अपने पति की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है। पत्र में एंगमो ने आरोप लगाया है कि राज्य और उसकी विभिन्न एजेंसियाँ उन्हें और उनके परिवार को पूरी तरह से सता रही हैं, साथ ही उनकी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि न तो उनको मिलने और न ही फोन पर बात करने दी जा रही है। उन्होंने राष्ट्रपति की आदिवासी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए कहा कि 'एक आदिवासी होने के नाते आप लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझेंगी।' पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, क़ानून मंत्री और लद्दाख के उपराज्यपाल को भी भेजी गई हैं।
सोनम वांगचुक की पत्नी का राष्ट्रपति को ख़त- 'सरकार हमें सता रही है, निगरानी कर रही है'
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- 1 Oct, 2025
लद्दाख के क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें और उनके परिवार को सता रही है।

यह पत्र सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के पांच दिन बाद आया है, जब उन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी सुरक्षा प्रदान करने की मांग को लेकर पिछले पांच वर्षों से शांतिपूर्ण आंदोलन चला रहे थे। एंगमो ने पत्र में वांगचुक को एक शांतिपूर्ण गांधीवादी प्रदर्शनकारी करार दिया, जो कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते, खासकर देश के लिए।