जिस 'आपराधिक मानहानि' के तहत मुक़दमे राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं पर लादकर 'परेशान' किया जाता रहा है, क्या वह अब ऐसा परेशान करने वाला नहीं रह जाएगा? कम से कम सुप्रीम कोर्ट ने तो यही संकेत दिया है। अदालत ने कहा है कि आपराधिक मानहानि को अब अपराध की श्रेणी से हटाने का समय आ गया है। यानी यदि इसे अपराध की श्रेणी से हटाया जाता है तो फिर यह मामला इतना संगीन नहीं रह जाएगा और फिर दो साल की सजा का प्रावधान भी नहीं रहेगा। ऐसे में मानहानि के मामले को लेकर राहुल गांधी जैसे नेताओं को सांसदी या विधायकी से अयोग्य होने का ख़तरा भी नहीं रहेगा।
आपराधिक मानहानि को अब अपराध की श्रेणी से हटाने का समय आ गया: सुप्रीम कोर्ट
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- 22 Sep, 2025
आपराधिक मानहानि को क्या अनावश्यक परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है? क्या आपराधिक मानहानि को अपराध की श्रेणी में रखना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर डालता है? सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि अब इसे खत्म करने का समय आ गया है?

आपराधिक मानहानि को अपराध की श्रेणी से हटाने वाली यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने एक न्यूज़ रिपोर्ट को लेकर दायर आपराधिक मानहानि के एक मामले में दी। यह वह मामला है जिसमें न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ और इसके पत्रकार अजॉय आशीर्वाद महाप्रशास्ता के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। यह मामला 2016 में प्रकाशित एक लेख से जुड़ा है, जिसके बाद से यह विवाद कई अदालतों में चल रहा है।