सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अशोका विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर पर उनके विवादास्पद पोस्ट के मामले में अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन मामले की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एनके सिंह की खंडपीठ ने अंतरिम राहत देते हुए प्रोफेसर की टिप्पणियों के समय पर सवाल उठाए और इसे "डॉग व्हिसलिंग" (छिपे या अप्रत्यक्ष संदेश देना) और "सस्ती लोकप्रियता" हासिल करने की कोशिश करार दिया। प्रोफेसर की पोस्ट पर हरियाणा महिला आयोग और एक बीजेपी नेता ने आपत्ति जताते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि महिला आयोग की चेयरमैन रेणु भाटिया टीवी पर पूछे गए सवाल में यह नहीं बता सकीं कि प्रोफेसर की पोस्ट में आपत्तिजनक क्या था।
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर खान को जमानत लेकिन अदालत की टिप्पणियां कितनी उचित?
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- 21 May, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित पोस्ट के लिए अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जमानत दे दी, लेकिन जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन कोर्ट ने जो टिप्पणियां की हैं, उन पर देश में बहस होना चाहिए।

अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद