बिहार एसआईआर के दौरान मतदाता सूची से हटाए गए नामों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक तरह से राजनीतिक दलों को ठीकरा फोड़ा। इसने पूछा कि विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के तहत मतदाताओं को फॉर्म भरने के दौरान राजनीतिक दलों के बीएलए क्या कर रहे थे। अदालत ने पूछा कि ये बीएलए मतदाताओं की मदद करने के बजाय निष्क्रिय क्यों पड़े रहे। अदालत ने हटाए गए 65 लाख लोगों के नामों को फिर से जोड़ने में मदद करने के लिए राजनीतिक दलों को निर्देश दिया।