न्यायपालिका की आलोचना करने वाले मशहूर वकील प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। साल 2009 में 'तहलका' को दिए इंटरव्यू में जजों पर की गई टिप्पणी पर उनके खेद प्रकट करने से सर्वोच्च अदालत संतुष्ट नहीं है। अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वह इसकी जाँच करेगी कि क्या उनका वह बयान अदालत की अवमानना है।
जजों के भ्रष्टाचार के मामले में प्रशांत भूषण के खेद को खारिज किया सुप्रीम कोर्ट ने
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- 10 Aug, 2020
साल 2009 में 'तहलका' को दिए इंटरव्यू में जजों पर की गई टिप्पणी पर उनके खेद प्रकट करने से सर्वोच्च अदालत संतुष्ट नहीं है।
