loader
हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा

आतंकी रिंदा पाकिस्तान में मरा या मारा गया? 

खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा के पाकिस्तान में मारे जाने की सूचना है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को यह सूचना पंजाब पुलिस के सूत्रों ने दी है। रिंदा का नाम तमाम आतंकी वारदात में सामने आ चुका है। पीटीआई के मुताबिक गैंगस्टर ग्रुप दविंदर भांबीहा ने भी सोशल मीडिया पर दावा किया कि रिंदा को उनके ग्रुप द्वारा पाकिस्तान में गोली मारी गई।
मई में रिंदा ने पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला किया था और वो लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट का मास्टरमाइंड भी था। उनका नाम मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूस वाला मर्डर केस में भी सामने आ चुका है। पंजाब पुलिस के मुताबिक रिंदा विभिन्न आतंकी मामलों में शामिल था और प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य था।

ताजा ख़बरें
हालांकि, पंजाब पुलिस के सूत्रों ने दावा किया कि हरविंदर सिंह रिंदा किडनी फेल होने के कारण 15 दिनों तक लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती रहा और वहीं उसकी मौत हो गई। एनआईए ने रिंदा पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी। 

कौन था हरविंदर रिंदा?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हरविंदर सिंह रिंदा को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था क्योंकि वो गैंगस्टरों और पाकिस्तानी स्थित आतंकवादी समूहों के बीच मुख्य कड़ी था। वह ड्रग्स और हथियारों की बड़े पैमाने पर सीमा पार तस्करी में भी शामिल था और मई में हरियाणा में एक वाहन से हथियारों और विस्फोटकों की जब्ती से संबंधित एक मामले में भी चार्जशीट किया गया था।
पिछले नवंबर में नवांशहर में क्राइम जांच एजेंसी के दफ्तर में एक हथगोले से किए गए हमले में भी उसके शामिल होने का पता चला था। वह पंजाब में "मोस्ट वांटेड ए प्लस कैटेगरी" का गैंगस्टर था और महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत अन्य जगहों पर कई मामलों में वांछित था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार 2008 से सक्रिय रिंदा होशियारपुर के सरपंच सतनाम सिंह की हत्या में भी शामिल था। उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर हत्याएं, डकैतियां और जबरन वसूली की और देश से फरार हो गया। वो कम से कम 30 ज्ञात आपराधिक मामलों में वांछित था। पंजाब के कई आतंकियों ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है। आरोप है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का इन्हें संरक्षण प्राप्त है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें