कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के रवैये की विज्ञान की पत्रिका लांसेट के बाद अब प्रतिष्ठित 'द इकोनॉमिस्ट' ने तीखी आलोचना की है। इसने लिखा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर से देश त्रस्त था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग़ायब थे। द इकोनॉमिस्ट में प्रकाशित तीखे लेख में कहा गया है कि प्रधानमंत्री को लाइमलाइट पसंद है, लेकिन तभी जब चीजें ठीक चल रही हों। इसने साफ़-साफ़ लिखा है कि जब हालात अच्छे नहीं होते हैं तो प्रधानमंत्री नहीं दिखते हैं। ऐसा ही एक लेख आउटलुक मैगज़ीन में भी हाल में छपा था जिसका शीर्षक था 'भारत सरकार लापता।' हालाँकि कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे कि इस मैगज़ीन ने प्रधानमंत्री का नाम क्यों नहीं लिया।
जब कोरोना संकट से देश त्रस्त था मोदी ग़ायब थे: द इकोनॉमिस्ट
- देश
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- 24 May, 2021
कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के रवैये की विज्ञान की पत्रिका लांसेट के बाद अब प्रतिष्ठित 'द इकोनॉमिस्ट' ने तीखी आलोचना की है। इसने लिखा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर से देश त्रस्त था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग़ायब थे।

लेकिन ऐसे लोगों की 'द इकोनॉमिस्ट' मैगज़ीन के इस लेख को लेकर ऐसी कोई शिकायत नहीं होगी क्योंकि इसमें साफ़-साफ़ प्रधानमंत्री के नाम का कई जगहों पर उल्लेख किया गया है।