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द कश्मीर फाइल्सः आईएएस अफसर को नोटिस, मोदी का नाम क्यों लिया

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान  सरकार ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद के बीच तमाम टिप्पणियां और ट्वीट करने वाले आईएएस अफसर नियाज़ अहमद खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नियाज़ अहमद खान से विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के जिक्र को लेकर भी सफ़ाई मांगी गई है।मध्य प्रदेश कैडर के 2015 बैच के चर्चित प्रमोटी आईएएस अफसर नियाज़ अहमद खान पिछले चार दिनों से सुर्खियों में हैं। खान ने ट्वीट किया था कि मुसलिमों की हत्याओं पर भी फिल्म बनना चाहिए। खान ने यह भी ट्वीट किया था, ‘मुसलमान कीड़े नहीं हैं, वे भी इस देश के नागरिक हैं।’
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खान के बयान से बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश सरकार के नुमाइंदे, बुरी तरह खफ़ा हैं। खान के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग भी नेताओं ने उठाई थी।बुधवार को राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि खान ने ‘लक्ष्मण रेखा’ को पार कर दिया है। नोटिस जारी कर सरकार उनसे पूछताछ करेगी।मिश्रा की दो टूक के बाद, गुरुवार दोपहर को सामान्य प्रशासन विभाग ने नियाज़ अहमद खान को नोटिस जारी कर दिया। अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन के आरोपों में उन्हें नोटिस थमाया गया है। पिछले चार दिनों में ट्वीट और बयानबाजी को लेकर सात दिनों में उनसे जवाब मांगा गया है। 
नोटिस में सबसे खास लाइन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर खान द्वारा टिप्पणी करने को लेकर है। सरकार ने पूछा है उन्होंने (नियाज़ अहमद खान ने) पीएम का नाम आखिर क्यों लिया?
यहां बता दें, नियाज़ खान ने अपने तमाम ट्वीट और बयानबाजी में बार-बार यही कहा है, ‘मुस्लिमों की हत्याओं पर भी फिल्म बनना चाहिए।’नियाज़ खान ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार पर अफसोस जताया है। कहा है, ‘पंडितों को पुनः कश्मीर में बसाने, उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने और सम्मान दिलाने के प्रयास जरूरी हैं।’खान यहीं नहीं रूके थे, उन्होंने यहां तक कह दिया था- 

मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि मुझे कश्मीर में डेपुटेशन पर भेज दिया जाय। वहां पोस्टिंग मिलने पर मैं जुल्म का शिकार हुए पंडितों को फिर बसाने एवं सुरक्षा जैसे कार्यों को करना चाहूंगा।


- नियाज अहमद खान, आईएएस, मध्य प्रदेश सरकार

प्रधानमंत्री से उपरोक्त सीधे ‘अनुरोध’ को लेकर, शिवराज सरकार ने नियाज़ खान से नोटिस में स्पष्टीकरण मांगा है।

पुराने 'बयान' से कई कदम आगे बढ़े हैं नियाज़

गृहमंत्री मिश्रा द्वारा नोटिस जारी करने की घोषणा और आज जारी हुए नोटिस के पहले ही नियाज़ खान अपनी पुरानी टिप्पणी/ट्वीट से कई कदम आगे बढ़ गए थे। उन्होंने अपनी ताजा प्रतिक्रिया में कहा था, ‘सलाह देना, अभिव्यक्ति की आजादी है। उन्होंने अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों का कतई उल्लंघन नहीं किया।' खान ने कहा - 

गोधरा कांड, भागलपुर दंगे, मुंबई एवं मालेगांव बम ब्लास्ट और गुजरात में दंगे हुए हैं। जगह-जगह मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, इन पर भी फिल्म बनना चाहिए।


-नियाज़ अहमद खान, आईएएस, मध्य प्रदेश सरकार

सात किताबें लिख चुके हैं खान

वर्तमान में उपसचिव लोक निर्माण विभाग के पद पर पदस्थ खान के 17 साल के प्रशासनिक करियर में 19 तबादले हुए हैं। उन्होंने सात किताबें लिखी हैं। इन किताबों में ‘अबू सलेम-मोनिका बेदी की लव स्टोरी’ और ‘तीन तलाक’ पर आधारित उनकी पुस्तक को लेकर खूब विवाद हुआ है।
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नियाज़ खान ने कश्मीर फाइल्स विवाद में ‘एंट्री’ करते समय चार दिन पहले कहा था, ‘वे देश में मुस्लिमों की हत्याओं को लेकर कहानी लिखने के इच्छुक है। ऐसी कहानी जिस पर द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बनाई जा सके।’

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क़मर वहीद नक़वी
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