तीन तलाक़ को अपराध क़रार देने वाले विधेयक को बुधवार देर रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है और मुसलिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक अब क़ानून बन गया है। यह क़ानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा। इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा में यह विधेयक पास हो गया था। राज्यसभा में विधेयक पर वोटिंग के दौरान विपक्ष के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। इससे राज्यसभा में यह विधेयक पास कराने की मोदी सरकार की राह आसान हो गई। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े थे जबकि उससे पहले लोकसभा में बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े थे। इसे मोदी सरकार की बड़ी जीत माना जा रहा है। बता दें कि इस विधेयक में एक साथ तीन तलाक़ दिए जाने को अपराध करार दिया गया है और दोषी पाए जाने पर जेल भेजने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक में इसी बात को लेकर विवाद है।
राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, क़ानून बना तीन तलाक़ विधयेक
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- 1 Aug, 2019
तीन तलाक़ को अपराध क़रार देने वाले विधेयक को बुधवार देर रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है।
