Film Udaipur Files: उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज़ पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-रिलीज होने दीजिए। जबकि हाईकोर्ट में कल गुरुवार 10 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
फिल्म उदयपुर फाइल्स का दृश्य
उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' कानूनी पचड़े में फंस गई है। एक तरफ दिल्ली हाईकोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की याचिका पर सुनवाई हो रही है। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में भी फिल्म पर रोक लगाने की याचिका दायर की गई। एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जावेद ज़मानत पर बाहर हैं और उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट फिल्म के लिए केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमाण पत्र के खिलाफ अपील पर विचार कर रहा है।
फिल्म में 40-50 कट्स किए गए
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म के निर्माता को निर्देश दिया कि वे उन याचिकाकर्ताओं के लिए फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन करें, जो इसकी रिलीज पर रोक की मांग कर रहे हैं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान, CBFC ने बताया कि फिल्म को प्रमाणपत्र देने से पहले कुछ आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने के लिए कट्स का सुझाव दिया गया था, जिसे निर्माताओं ने लागू कर दिया है। CBFC के वकील, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि ट्रेलर और फिल्म दोनों में 40-50 कट्स किए गए हैं, जिसमें आपत्तिजनक संवाद और हिस्से हटा दिए गए हैं।
10 जुलाई को फिल्म की समीक्षा हो सकती है
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने निर्माताओं को निर्देश दिया कि वे बुधवार को ही याचिकाकर्ताओं के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (मौलाना मदनी की ओर से) और ASG चेतन शर्मा (CBFC की ओर से) के लिए फिल्म और उसके ट्रेलर की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार (10 जुलाई) के लिए तय की है, ताकि स्क्रीनिंग के बाद फिल्म की सामग्री की समीक्षा की जा सके।जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला है और इससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंच सकता है। याचिका में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा फिल्म को दी गई मंजूरी को भी चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि यह सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 की धारा 5B और फिल्म सर्टिफिकेशन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।
उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने कथित तौर पर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने बाद में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि यह हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में कन्हैया लाल द्वारा कथित रूप से सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के प्रतिशोध में की गई थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की गई और आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप दर्ज किए गए थे।