भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लंबे समय से लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतीक रहा है।  वह राजनीतिक स्वतंत्रता, अधिकारों और भागीदारी के अवसरों का एक मजबूत ढांचा प्रदान करता था। लेकिन हाल के वर्षों में भारतीय लोकतंत्र का संकुचन होते होते उस स्थिति में पहुँच गया है जिसे "चुनावी लोकतंत्र" कहा जाता है। इस प्रकार के लोकतंत्र में, चुनावों पर जोर दिया जाता है, जबकि लोकतांत्रिक शासन की मौलिक बातें जैसे चेक एंड बैलेंस, जवाबदेही, पारदर्शिता और मौलिक अधिकारों की रक्षा पीछे छूट जाती हैं।