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प्रतीकात्मक तस्वीर

विपक्षी दलों की बैठक में जुटे नेताओं का समूह 'भारत का वैगनर ग्रुप' है : सामना

उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के मुख्‍य पत्र 'सामना' ने अपने संपादकीय में पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। सामना ने अपने संपादकीय में लिखा कि पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में जुटे नेताओं का समूह 'भारत का वैगनर ग्रुप' है। मोदी की सत्ता को चुनौती देने के लिए भारत का वैगनर ग्रुप एक साथ आया है। यह ग्रुप किराये का नहीं है ये बहुत अहम है। पुतिन की तरह मोदी को भी सत्ता से जाना होगा। पटना में ‘वैगनर ग्रुप’ ने यही तय किया है। सामना के संपादकीय में गृहमंत्री अमित शाह के विपक्ष के फोटो सेशन वाले बयान पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया गया है। इसपर सामना में कहा गया है कि अमित शाह ने अपेक्षा के अनुरूप ही प्रतिक्रिया दी है। देश में 'फोटोप्रेमी' कौन है? यह 140 करोड़ जनता प्रतिदिन देखती है। संपादकीय में दावा किया गया कि पटना में जुटे 'वैगनर ग्रुप' ने ये संकेत दिए हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरह 2024 में पीएम मोदी को भी जाना होगा, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से। सामना में की गया यह तुलना विचित्र इसलिए है क्योंकि वैगनर ग्रुप मूल रूप से रूस में किराए के सैनिकों की एक प्राइवेट आर्मी है, जिसने पुतिन के खिलाफ पिछले दिनों विद्रोह कर मॉस्को मार्च किया और बाद में पीछे हट गई। यह वापस यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर लौट गई है।  इसके नेता येवगेनी प्रिगोझिन ने निर्वासन में जाने के लिए क्रेमलिन समझौते को स्वीकार कर लिया है।

लोकतंत्र के नजरिए से अच्‍छी खबर है

सामना ने अपने संपादकीय में आगे लिखा है कि देश के 17 प्रमुख राजनीतिक दलों की पटना में हुई लंबी बैठक में पांच मौजूदा और लगभग इतने ही पूर्व मुख्‍यमंत्री मौजूद थे। पटना में हुई इस बैठक में भाजपा को सामने से जाकर हराने का फैसला लिया गया है। ये लोकतंत्र के नजरिए से एक अच्‍छी खबर है। सामना लिखता है कि आज पुतिन के देश में क्या हो रहा है? पुतिन की ओर से अपनी सुविधा के लिए तैयार किए गए वैगनर ग्रुप नाम की प्राईवेट आर्मी ने ही पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी। रूस में विगत कई वर्षों में हुआ चुनाव सिर्फ छलावा था। पुतिन के लोग गड़बड़ी करके चुनाव जीतते रहे हैं और उन्होंने संसद पर कब्जा कर लिया है। 

बीजेपी ने बिकाऊ लोगोंं को रक्षक बना कर रखा है

सामना ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के कार्यकाल से मोदी सरकार की तुलना करते हुए लिखा है कि भारत में भाजपा ने सत्ता में बने रहने के लिए कई बिकाऊ लोगोंं को अपने आस-पास रक्षक बनाकर रखा है। कल को ये लोग ही सबसे पहले मोदी-शाह की पीठ में वार करेंगे और उन्‍हें सड़क पर ला खड़ा करेंगे। सामना में कहा गया, "बीजेपी ने सत्ता को बरकरार रखने के लिए कई बिकाऊ लोगों को अपने इर्द-गिर्द रक्षक बनाकर खड़ा किया है। कल को यही लोग सबसे पहले मोदी- शाह की पीठ पर वार करेंगे और सड़क पर उतरेंगे। सामना लिखता है कि  पुतिन ने अपने खिलाफ बगावत के बाद ऐसा ताव दिखाया कि वह वैगनर ग्रुप को रौंद देंगे  लेकिन उनसे हुआ कुछ नहीं। किसी भी तानाशाह के मन में ऐसी दहशत कभी न कभी दिखती ही है। उन्हें बगावत का सामना करना ही पड़ता है। 

विपक्ष के फोटोसेशन ने कम कर दी बीजेपी की 100 सीटें 

सामना के अपने संपादकीय में लिखता है कि जहां तक लोकसभा चुनाव 2024 के  परिणाम की बात है तो इस बार का फैसला ईवीएम नहीं जनता करेगी। गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कटाक्ष करते हुए यह लिखता है कि वे कहते हैं कि विपक्ष के लोग पटना में फोटो खिंचाने के लिए एकत्रित हुए। ये मान भी लिया जाए तो उनके इतना डरने की वजह क्या है? कल तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘नड्डा’ कहते थे कि ‘अब की बार भाजपा 400 के पार’। पटना के फोटोसेशन के बाद खुद अमित शाह कह रहे हैं,कि हम 300 सीटें जीतेंगे।’ मतलब विपक्ष के एक फोटोसेशन ने ही बीजेपी की 100 सीटें कम कर दी है और यही विपक्ष की एकता की ताकत है जिसके कारण बीजेपी परेशान है।  
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क़मर वहीद नक़वी
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