अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे और कई बड़े यूरोपीय व अमेरिकी बैंक मदद करने से झिझक रहे थे, तब मोदी सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एलआईसी उनको उबारने के लिए सामने आई थी। द वाशिंगटन पोस्ट ने एक पड़ताल कर कहा है कि तब अडानी के कारोबार में एलआईसी से 3.9 अरब डॉलर यानी क़रीब 32000 करोड़ रुपये का निवेश करवाया गया। एलआईसी में आम तौर पर ग़रीब और ग्रामीण लोगों के बीमा के पैसे होते हैं।
सरकारी प्लान पर एलआईसी ने अडानी समूह को दे दिए 32000 करोड़: रिपोर्ट
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- 24 Oct, 2025

वाशिंगटन पोस्ट की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जब अडानी समूह भारी कर्ज में था, तब सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने उसे 32,000 करोड़ रुपये का निवेश दिया। क्या सरकार ने जनता के पैसों से कॉरपोरेट को बचाया?

अमेरिका के इस प्रतिष्ठित अख़बार ने रिपोर्ट दी है कि इस साल की शुरुआत में करीब 90 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक गौतम अडानी भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। उनके कोयला खदान, हवाई अड्डे, बंदरगाह और ग्रीन एनर्जी जैसे कारोबारों पर कर्ज बढ़ता जा रहा था। इसके अलावा, अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले साल उन पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। इन वजहों से कई बड़े अमेरिकी और यूरोपीय बैंक उन्हें कर्ज देने से हिचक रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन इस संकट के बीच भारत सरकार ने अडानी की मदद के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया।
























