राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 75 की उम्र में रिटायरमेंट पर एक बयान देकर भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है। नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में भागवत ने कहा कि पचहत्तर साल की उम्र के बाद रिटायर हो जाना चाहिए। तो भागवत का यह बयान किसके लिए है। खुद के लिए? पीएम मोदी के लिए? या फिर बीजेपी-आरएसएस से जुड़े सभी लोगों के लिए? वैसे, प्रधानमंत्री मोदी और भागवत दोनों की उम्र 74 साल है और दोनों नेता इस साल सितंबर में 75 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हैं। क्या यह बयान बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की नई बहस को जन्म देगा, या यह आरएसएस की अगली पीढ़ी को अवसर देने का संदेश है?
भागवत ने 75 की उम्र में रिटायरमेंट की बात क्यों की, क्या पीएम मोदी को संदेश?
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- 11 Jul, 2025
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 75 की उम्र में रिटायरमेंट की बात क्यों कही। क्या ये बयान प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराधिकारी की खोज से जुड़ा है? जानिए संघ के भीतर की रणनीति।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हाल ही में नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। वे मोरोपंत पिंगले के जीवन और उनके योगदान की चर्चा कर रहे थे। भागवत ने पिंगले की निस्वार्थता, विनम्रता और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की। इस संदर्भ में उन्होंने पिंगले के उस नज़रिए का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की आयु को एक ऐसी सीमा के रूप में देखा, जहां व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों को दूसरों को सौंप देना चाहिए। भागवत ने इसे पिंगले की विनम्रता और अगली पीढ़ी को अवसर देने की उनकी सोच के रूप में पेश किया।