मौजूदा लाउडस्पीकर विवाद चार दिनों पहले वाराणसी से शुरू हुआ। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिन्दुस्तान अखबारों में खबरों के मुताबिक श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने घोषणा की कि काशी में पांच वक्त हनुमान चालीसा का पाठ होगा। इसके बाद उस संगठन की ओर से पिछले मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ शुरू हुआ। धीरे-धीरे अन्य दक्षिणपंथी संगठन भी बयान देने लगे कि वे अपने शहर में लाउडस्पीकर लगाकर पांचों वक्त हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। दक्षिणपंथी संगठनों के बयानों से यह संकेत गया कि आरएसएस इस कार्यक्रम के पीछे है। लेकिन एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने इसका आधिकारिक रूप से खंडन किया है तो उससे यह साफ हो गया कि यह आरएसएस का आयोजन नहीं है। लेकिन सोशल मीडिया पर चल रही बहसों को देखा जाए तो उनके हिसाब से इस अभियान के पीछे आरएसएस है। बहरहाल, खुद आरएसएस की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया है।