न जाने क्यों बीजेपी के नेता किसानों के आंदोलन के पीछे पड़ चुके हैं। अध्यादेश आने के बाद से ही किसान केंद्र सरकार तक संदेश पहुंचाते रहे कि अगर ये अध्यादेश क़ानून में तब्दील हुए तो वे तबाह हो जाएंगे। लेकिन केंद्र सरकार अपनी मर्जी पर अड़ी रही और बिना किसी एक किसान संगठन, बिना किसी संसदीय समिति से बात किए क़ानून बना दिए।
किसान आंदोलन को बदनाम करने पर क्यों आमादा हैं बीजेपी नेता?
- देश
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- 3 Dec, 2020
बीजेपी के नेता किसानों को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। उनके इन बयानों के कारण देश में खासा विवाद भी हो चुका है लेकिन शायद वे मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

अब जब किसानों ने अपनी हिम्मत से तमाम जुल्मों को झेलने के बाद दिल्ली के बॉर्डर्स पर डेरा डाल दिया है तो बीजेपी के नेता उन्हें खालिस्तानी, देशद्रोही बताने पर तुले हुए हैं। उनके इन बयानों के कारण देश में खासा विवाद भी हो चुका है लेकिन शायद वे मानने के लिए तैयार नहीं हैं।