तमिलनाडु की एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनी विनट्रैक इंक ने रिश्वतखोरी और उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए भारत में अपनी आयात-निर्यात गतिविधियों को पूरी तरह बंद करने की घोषणा कर दी है। कंपनी ने चेन्नई कस्टम्स अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन कस्टम्स विभाग ने इन दावों को झूठा बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। यह विवाद सोशल मीडिया पर छिड़ गया है, जिसमें पूर्व इंफोसिस सीएफओ मोहनदास पाई जैसे प्रमुख हस्तियों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भ्रष्टाचार रोकने में नाकामी का आरोप लगाया है।
कार्गो कंपनी ने रिश्वतखोरी का आरोप लगा भारत में व्यवसाय बंद किया, सोशल मीडिया पर हंगामा
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- 2 Oct, 2025
कार्गो कंपनी विनट्रैक इंक ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए भारत छोड़ने का दावा किया, जबकि चेन्नई कस्टम्स अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। सोशल मीडिया पर हंगामा क्यों और वित्त मंत्री से सवाल क्यों पूछा जा रहा है?

कार्गो कंपनी ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, हेल्थकेयर और लाइफस्टाइल उत्पादों के आयात में महारत विनट्रैक इंक ने 1 अक्टूबर 2025 से भारत में अपना सभी कार्गो संचालन रोकने का ऐलान किया। कंपनी ने कहा, '1 अक्टूबर 2025 से, हमारी कंपनी भारत में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट गतिविधियाँ बंद कर देगी। पिछले 45 दिनों से चेन्नई कस्टम्स अधिकारी हमें लगातार परेशान कर रहे हैं। इस साल दो बार उनके रिश्वत लेने के तरीकों को उजागर करने के बाद उन्होंने बदला लिया और भारत में हमारे कामकाज को पूरी तरह से ठप्प कर दिया और हमारा बिजनेस बर्बाद कर दिया। इन मुश्किल समय में हमारा साथ देने वाले सभी लोगों को हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।'