loader
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी

महिला कोटा बिलः संसद में सोनिया गांधी करेंगी बहस की शुरुआत, हंगामा तय

नई संसद के दोनों सदनों में केंद्र और विपक्ष के सदस्य नारी शक्ति वंदन अधिनियम या महिला आरक्षण विधेयक पर तीखी नोकझोंक करने को बुधवार को तैयार हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था। सरकार का वादा है कि बुधवार से वो इस पर बाकायदा बहस कराएगी। .

संसद में बुधवार की बहस का मुद्दा ओबीसी वर्ग की महिलाओं को इसमें आरक्षण नहीं देने का हो सकता है। सपा और आरजेडी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है और अब कांग्रेस भी इस मांग में शामिल हो सकती है। दूसरा मुद्दा एससी वर्ग की आरक्षित सीटों को लेकर है। नए विधेयक में व्यवस्था है कि एससी/एसटी का जो कोटा है, उस समुदाय की महिलाओं को उसी में से आरक्षण मिलेगा। इससे पुरुषों का कोटा कम हो जाएगा। इसीलिए बसपा अध्यक्ष और अन्य संगठन एससी/एसटी महिलाओं का कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।


इस विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई या 33% सीटों की गारंटी देता है। इसे जब भी लागू किया जाएगा तो यह शुरुआत के 15 वर्षों तक प्रभावी रहेगा। संसद इसे आगे बढ़ा सकती है। जो खास बात है वो यह कि इसके कानून बनने के बाद परिसीमन प्रक्रिया और जनगणना पूरी होते ही महिला आरक्षण लागू कर दिया जाएगा। यानी महिलाओं को आरक्षण के इस क्रांतिकारी कदम का कई वर्षों तक और इंतजार करना होगा।

ताजा ख़बरें
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम या महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के लिए पार्टी की मुख्य वक्ता होंगी। 2008 में, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विधेयक को राज्यसभा में पेश किया और 2010 में इसे पारित कर दिया गया। हालांकि, विधेयक को लोकसभा में विचार के लिए कभी नहीं रखा गया। बुधवार को यह सब तथ्य जब सोनिया गांधी सदन को बताएंगी तो भाजपा सांसदों की ओर से हंगामे के आसार हैं।
जो नया बिल पेश किया गया है, वो 128वां संशोधन विधेयक, 2023 है। इसमें तीन नए अनुच्छेद और एक नया खंड पेश किया गया है। नए 239एए खंड में कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरी जाने वाली कुल सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये सीटें लोकसभा और विधानसभा में आरक्षित होंगी। राज्यसभा और राज्य विधान परिषदों में ऐसा कोई कोटा नहीं होगा।
हालाँकि, कांग्रेस सहित विपक्ष ने कहा कि यह विधेयक भाजपा सरकार का एक 'जुमला' है। यह भारतीय महिलाओं के साथ 'बहुत बड़ा विश्वासघात' है। इस पर बीजेपी ने जवाब दिया कि कांग्रेस लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने को लेकर कभी गंभीर नहीं रही।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ज्यादातर राजनीतिक दल कमजोर वर्ग की महिलाओं को टिकट नहीं देते हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार के तहत संघीय ढांचा 'कमजोर' हो गया है।
देश से और खबरें
खड़गे ने राज्यसभा में कहा- “सभी राजनीतिक दलों की आदत है कि वे कमजोर महिलाओं को टिकट देते हैं। मैं जानता हूं कि पार्टियां अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग की महिलाओं का चयन कैसे करती हैं... कमजोर वर्ग की ऐसी महिलाओं को टिकट दिया जाता है कि उन्हें मुंह न खोलना पड़े... देश की सभी पार्टियों में ऐसा ही है और इसीलिए महिलाएं पिछड़ रही हैं।' आप उन्हें बोलने की अनुमति नहीं देते और उनके अधिकारों की अनुमति नहीं देते।''
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें